VIDEO: सीरिया में हिंसा की हदें पार! 48 घंटे में 1000 से अधिक मौतें, निर्वस्त्र की गई महिलाओं की सरेआम हत्या, लाशों से पट गई सड़कें

सीरिया में हिंसा की एक भयावह घटना सामने आई है, जिसमें बीते दो दिनों में 1,000 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई है. अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों और वर्तमान सरकार के पक्षधर गुटों के बीच हुई खूनी झड़पों में यह जानमाल का नुकसान हुआ है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सीरिया के इतिहास की सबसे घातक हिंसा में से एक मानी जा रही है.

बदले की आग में जल रहा सीरिया

गुरुवार को हिंसा तब भड़क उठी जब वर्तमान सरकार समर्थक बंदूकधारियों ने अलवी समुदाय पर बदले की भावना से हमले शुरू कर दिए. यह समुदाय पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद का कट्टर समर्थक माना जाता था.

सरकारी सुरक्षा बलों और असद समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़पों में अब तक 745 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इसके अलावा, 125 सरकारी सुरक्षा बल के जवान और 148 असद समर्थक लड़ाके भी मारे गए हैं.

बिजली और पानी की आपूर्ति ठप

ब्रिटेन स्थित 'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' ने जानकारी दी है कि हिंसा के साथ ही प्रशासन ने अलवी समुदाय की बहुलता वाले इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति भी काट दी है. खासकर लताकिया शहर में हालात बदतर हो चुके हैं.

अलवी बहुल गांवों में रहने वाले नागरिकों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उनके कई घरों को लूटकर आग के हवाले कर दिया गया.

महिलाओं को बनाया गया निशाना

इस खौफनाक हिंसा में महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई महिलाओं को सरेआम निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया और फिर गोली मार दी गई.

बनियास, जो इस हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, वहां सड़कों और इमारतों की छतों पर शव बिखरे पड़े हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि बंदूकधारी लोगों को शवों को दफनाने तक की अनुमति नहीं दे रहे थे.

सीमा पार कर रहे शरणार्थी

लेबनान के राजनेता हैदर नासिर, जो अपने देश की संसद में अलवी समुदाय के दो प्रतिनिधियों में से एक हैं, ने बताया कि भारी संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए सीरिया से लेबनान भाग रहे हैं.

हालात पर काबू पाने की कोशिश

फिलहाल सरकार ने अधिकतर इलाकों पर नियंत्रण कर लिया है और हिंसा पर रोक लगाने के लिए सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. खासतौर पर तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां यह हिंसा सबसे ज्यादा फैली थी.

सीरिया में जारी इस हिंसा ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. यह संकट न केवल वहां के लोगों के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुका है.