थाईलैंड की संसद के निचले सदन ने बुधवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. यह एक बड़ा कदम है, जिससे थाईलैंड एशिया का तीसरा ऐसा देश बन सकता है, जहां समलैंगिक जोड़ों को शादी करने का अधिकार मिल सकता है. हालांकि, इस विधेयक को अभी कानून बनने के लिए सीनेट की मंजूरी और राजा की सहमति की जरूरत है.
अगर यह विधेयक बन जाता है तो थाईलैंड ताइवान और वियतनाम के बाद एशिया में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला तीसरा देश बन जाएगा. यह उन LGBTQ+ कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी जीत है जो कई सालों से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिलाने की मांग कर रहे थे.
BREAKING: Thailand's parliament passes same-sex marriage bill
— The Spectator Index (@spectatorindex) March 27, 2024
दरअसल, जनमत सर्वेक्षणों में पाया गया है कि थाईलैंड के अधिकांश लोग समलैंगिक विवाह का समर्थन करते हैं. हालांकि, कुछ रूढ़िवादी लोग इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह पारंपरिक परिवार व्यवस्था के मूल्यों के खिलाफ है.
यहां उन देशों की सूची दी गई है जहां समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली है:
1. यूरोप:
- नीदरलैंड (2001)
- बेल्जियम (2003)
- स्पेन (2005)
- फ्रांस (2013)
- इंग्लैंड और वेल्स (2013)
- स्कॉटलैंड (2014)
- आयरलैंड (2015)
- फिनलैंड (2017)
- जर्मनी (2017)
- माल्टा (2017)
- ऑस्ट्रिया (2019)
- पुर्तगाल (2019)
- स्पेन (2020)
- लक्जमबर्ग (2022)
2. उत्तरी अमेरिका:
- कनाडा (2005)
- संयुक्त राज्य अमेरिका (2015)
3. दक्षिण अमेरिका:
- अर्जेंटीना (2010)
- ब्राजील (2013)
- उरुग्वे (2013)
- कोलंबिया (2016)
- इक्वाडोर (2019)
- कोस्टा रिका (2020)
- चिली (2022)
4. ओशिनिया:
- न्यूजीलैंड (2013)
- ऑस्ट्रेलिया (2017)
5. एशिया:
- ताइवान (2019)
6. अफ्रीका:
- दक्षिण अफ्रीका (2006)
ध्यान दें:
- यह सूची केवल उन देशों को दर्शाती है जहां समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिली है.
- कुछ देशों में, समलैंगिक जोड़े "नागरिक संघ" या "घरेलू भागीदारी" में प्रवेश कर सकते हैं, जो विवाह के समान अधिकार प्रदान करते हैं.
- कई देशों में, समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है, लेकिन समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जाता है.
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि समलैंगिक विवाह के अधिकार के लिए लड़ाई अभी भी जारी है. कई देशों में, LGBTQ+ समुदाय भेदभाव और कानूनी बाधाओं का सामना करते हैं.