प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)
रूस की एक अदालत ने दिग्गज अमेरिकी टेक कंपनी गूगल पर 20,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000 डॉलर का जुर्माना लगाया है. आइए जानते हैं क्या है ये मामला.रूस की एक अदालत ने यूट्यूब से जुड़े एक पुराने मामले को लेकर गूगल पर इतना भारी जुर्माना लगाया है जितना पैसा इस पूरी दुनिया में भी नहीं है. गूगल पर इतना भारी जुर्माना लगाने की वजह यूट्यूब पर रूस के 17 मीडिया चैनलों पर लगाया गया बैन है.
पूरे मामले पर रूसी अदालत ने गूगल को 'दो अनडेसिलियन रूबल' का जुर्माना भरने का दंड दिया है. इस संख्या की गिनती करने के लिए 2 के बाद 36 जीरो लगाने पड़ते हैं. अगर डॉलर से इसकी तुलना करें तो गूगल को 20,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000 डॉलर चुकाने पड़ेंगे.
दुनिया की जीडीपी से भी ज्यादा
जुर्माने की कीमत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर पूरी दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को भी जोड़ लिया जाए तब भी ये राशि उससे कहीं ज्यादा है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मानें तो दुनिया की कुल जीडीपी करीब 110 खरब डॉलर है. जबकि गूगल की खुद की मार्केट वैल्यू 2 खरब डॉलर के आसपास ही है.
समाचार एजेंसी डीपीए से बात करते हुए रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्काव ने कहा, "हमारे टीवी स्टेशनों ने गूगल के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, ये जुर्माना उसी का नतीजा है.”
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क्या है पूरा मामला
इस मामले की शुरुआत 2020 में तब हुई थी जब गूगल ने रूस समर्थित 17 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसके बाद कई चैनलों ने अदालत का रुख किया.
अदालत ने बैन किए गए चैनलों को बहाल करने का आदेश दिया, लेकिन गूगल ने प्रतिबंधों को हटाने से मना कर दिया. परिणामस्वरूप जुलाई 2022 में रूस ने गूगल पर 21.1 अरब रूबल (रूस की मुद्रा) का जुर्माना लगाया.
अदालत ने यह भी कहा कि अगर जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा तो एक दिन के हिसाब से यह राशि हर हफ्ते दोगुनी हो जाएगी. यही वजह है कि यह बढ़ते हुए दो अनडेसिलियन रूबल पर पहुंच गई है.
हालांकि जुर्माने की राशि को लेकर रूस का कहना है कि यह सिर्फ प्रतीकात्मक है. क्योंकि यह राशि गूगल के खुद के मूल्य से भी कई गुना ज्यादा है.
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गूगल पर नहीं पड़ रहा कोई असर
पेस्काव के अनुसार, जुर्माना लगाने का लक्ष्य सिर्फ मीडिया चैनलों पर लगे प्रतिबंध को हटाना है. उन्होंने कहा, "यह सबसे बढ़िया चीज है जो कंपनी कर सकती है.”
हालांकि गूगल इस पूरे मामले से जरा भी परेशान नहीं दिख रहा है. क्योंकि यह फैसला सिर्फ रूस की धरती पर लागू होता है और रूस में मौजूद गूगल की सहायक कंपनी खुद को युद्ध शुरू होने के बाद ही दिवालिया घोषित कर चुकी है.
एवाई/आरपी (डीपीए/रॉयटर्स)