वेनेजुएला में तख्ता पलट की कोशिश के बीच भड़का दंगा, प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प में 69 लोग घायल
वेनेजुएला (Photo Credits : Twitter)

काराकस:  सेना से राष्ट्रपति निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) के खिलाफ खड़े होने की विपक्षी नेता जुआन गुइदो (Juan Guaidó) की अपील के बाद मंगलवार को वेनेजुएला की राजधानी काराकस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं जिनमें 69 लोग घायल हुए हैं. वहीं, राष्ट्रपति मादुरो का कहना है कि उन्होंने तख्ता पलट के प्रयास को अभी-अभी नाकाम किया है.

गुइदो द्वारा अपने पक्ष में सेना का बढ़ता समर्थन दिखाने के लिए बेहद सावधानी से बनायी गई योजना दंगे शुरू होने के साथ ही खटाई में पड़ गई. वहीं, मादुरो ने मंगलवार की शाम इस तख्ता पलट को नाकाम करने की घोषणा करते हुए सेना को इसके लिए बधाई दी. उन्होंने टीवी और रेडियो पर प्रसारित संबोधन में कहा, ‘‘इसकी सजा मिलेगी.’’

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हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुरंत गुइदो का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि अमेरिका वेनेजुाएला की जनता और उनकी स्वतंत्रता के साथ है. गुइदो ने सुबह एक वीडियो संदेश जारी कर अपने समर्थकों को संदेश दिया. इसमें वह पहली बार सैन्य टुकड़ियों के साथ नजर आ रहे हैं. ला कारलोटा हवाईअड्डे के इस वीडियो में नेशनल एसेम्बली के 35 वर्षीय नेता के साथ विपक्ष के नेता लियोपोल्डो लोपेज भी नजर आ रहे हैं. लोपेज कह रहे हैं कि सैनिकों ने उन्हें वर्षों की नजरबंदी से आजाद कर दिया है.

वेनेजुएला स्वास्थ्य सेवाओं ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में 69 लोग घायल हो गए हैं. इसी से जुड़े अन्य घटनाक्रम में वेनेजुएला के कई सैनिकों ने ब्राजील के दूतावास में शरण मांगी है. ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो के कार्यालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कई आवेदन मिले हैं. हालांकि उन्होंने संख्या स्पष्ट नहीं की. ब्राजील के मीडिया के अनुसार, 25 सैनिकों ने आवेदन दिया है.

गौरतलब है कि ब्राजील अमेरिका सहित उन 55 देशों में शामिल है जो गुइदो को राष्ट्रपति का दर्जा दे चुके हैं. स्पेन की राजधानी मैड्रिड में वेनेजुएला के नागरिकों ने गुइदो के समर्थन में रैली की. इस मामले में यूरोपीय संघ ने संयम बरतने की अपील की है. संघ की राजनयिक फेडरिका मोगरिनी का कहना है कि ईयू वेनेजुएला के हालात पर नजर रख रहा है. उन्होंने दोहराया कि इस समस्या का सिर्फ राजनीतिक, शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक समाधान संभव है.

इस मामले में अमेरिका का रूख कुछ अलग है. एक ओर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारी जॉन बोल्टन का कहना है कि उनका देश सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है, लेकिन वह सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण चाहता है.