आसिया बीबी को बरी किए जाने पर पाक में मचा बवाल, पीएम इमरान खान ने मुल्क के लोगों को पढ़ाया इस्लाम का पाठ
मुल्क के लोगों को इस्लाम का पाठ पढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को मीडिया के सामने आना पड़ा. इस दौरान उन्होंने आसिया बीबी मामले में कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए प्रदर्शनकारियों की यह चेतावनी दी कि वे इस्लाम के नाम पर कानून व्यवस्था का उल्लंघन न करें, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में बुधवार को उस वक्त बवाल मच गया, जब ईशनिंदा मामले में ईसाई महिला आसिया बीबी को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया. इस बवाल की आग से हालात बेकाबू हो जाते, इससे पहले ही हालात को संभालने के लिए मुल्क के लोगों को इस्लाम का पाठ पढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को मीडिया के सामने आना पड़ा. इस दौरान उन्होंने आसिया बीबी मामले में कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए प्रदर्शनकारियों की यह चेतावनी दी कि वे इस्लाम के नाम पर कानून व्यवस्था का उल्लंघन न करें, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया के सामने आकर इमरान खान ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जजों की हत्या करने की धमकी देने और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के खिलाफ बगावत करने व अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर भी चेतावनी दी. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट आपके मुताबिक फैसला नहीं सुनाएगा. ऐसे कोई मुल्क नहीं चल सकता है.
खबरों की मानें तो आसिया बीबी मामले में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही इस्लामाबाद, लाहौर, पेशावर और कराची समेत कई शहरों में 'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. इस दौरान कई जगहों पर आगजनी और सुरक्षा बलों के साथ झड़प की खबरें भी सामने आई हैं. यह भी पढ़ें: इमरान खान के खिलाफ हुए पाकिस्तान के पत्रकार, विरोध में संसद के बाहर तले पकौड़े
बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में ईशनिंदा की दोषी ईसाई महिला आसिया बीबी की फांसी की सजा को पलटते हुए उसे बरी कर दिया, जिसके बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए.
दरअसल, अपने पड़ोसियों के साथ विवाद के दौरान इस्लाम का अपमान करने के आरोप में साल 2010 में चार बच्चों की मां आसिया बीबी को दोषी करार दिया गया था, जिसके बाद बीते 8 वर्ष में उन्होंने अपना ज्यादातर समय एकांत कारावास में बिताया, लेकिन उन्होंने हमेशा खुद को बेकसूर बताया.
बताया जाता है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को लेकर समर्थन बेहद मजबूत है और आसिया बीबी के मामले को लोगों ने अलग-अलग धड़ों में बांट दिया है. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी कर दिया. बता दें कि आसिया बीबी पहली महिला हैं जिन्हें ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा दी गई थी.