प्रधानमंत्री मोदी सितंबर में रूस का दौरा करेंगे, विदेश सचिव विजय गोखले ने दी जानकारी
राष्ट्रपति पुतिन ने सितंबर के प्रारंभ में व्लादिवोस्टोक में प्रस्तावित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया है. गोखले ने कहा, "प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी के साथ निमंत्रण को स्वीकार किया है. यह यह एक द्विपक्षीय दौरा होगा.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महसूस किया कि यह सहयोग का एक नया क्षेत्र है.
बिश्केक. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर की शुरुआत में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक में मुख्य अतिथि होंगे और भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के हिस्से के रूप में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चर्चा करेंगे. मोदी ने गुरुवार को यहां एससीओ शिखर बैठक से अलग पुतिन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की और दोनों नेताओं ने कहा कि विश्वास पर आधारित पुराने रिश्ते को और मजबूत बनाने की जरूरत है.
विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने साझेदारी के विशेष महत्व को स्वीकार किया. उन्होंने कहा, "दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि यह नेतृत्व और जनता के बीच विश्वास पर आधारित एक पुराना रिश्ता है और इस रिश्ते को बनाए रखने, विकसित करने और अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की जरूरत है." यह भी पढ़े-SCO Summit: पीएम मोदी और इमरान खान के बीच नहीं हुई कोई बातचीत, न ही हैंडशेक
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने सितंबर के प्रारंभ में व्लादिवोस्टोक में प्रस्तावित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया है.
गोखले ने कहा, "प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी के साथ निमंत्रण को स्वीकार किया है। यह यह एक द्विपक्षीय दौरा होगा. प्रधानमंत्री सितंबर के प्रारंभ में व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम में बतौर मुख्य अतिथित शामिल होंगे और उसके बाद भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे."
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महसूस किया कि यह सहयोग का एक नया क्षेत्र है, जिसे दोनों पक्षों द्वारा सक्रिय रूप से तलाशा जाना चाहिए.
मोदी ने पुतिन को बताया कि भारत फोरम की बैठक के लिए गंभीर तैयारी करेगा, ताकि इसकी भागीदारी अर्थपूर्ण हो.
मोदी के दौरे से पहले व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल और प्रमुख भारतीय राज्यों के प्रतिनिधि व्लादिवोस्तोक और रसियन फार ईस्ट का दौरा करेंगे, ताकि व्यापारिक सहभागिता के संभावित क्षेत्रों पर काम किए जाने की पहचान की जा सके.