PM Modi China Visit: चीन के तियानजिन शहर (Tianjin City) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पीएम मोदी ने भारत का पक्ष रखा. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत मेजबान राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) को उनके भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद देकर की. इसके बाद उज्बेकिस्तान के लोगों को उनके स्वतंत्रता दिवस (Uzbekistan Independence Day 2025) की शुभकामनाएं दी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से SCO का एक जिम्मेदार सदस्य रहा है और इस संगठन में रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका निभाई है.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि SCO के प्रति भारत की नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है. ये हैं- S का अर्थ है सुरक्षा, C का अर्थ है संपर्क और O का अर्थ है अवसर.
'PM मोदी ने SCO समिट में उठाया आतंकवाद का मुद्दा'
#WATCH | "We have to say clearly and unanimously that no double standards are acceptable on terrorism..." says Prime Minister Narendra Modi at the Shanghai Cooperation Council (SCO) Members Session in Tianjin, China
PM Modi says, "... This attack was an open challenge to every… https://t.co/n9LlMc91Kq pic.twitter.com/UtlvwlHo5B
— ANI (@ANI) September 1, 2025
आतंकवाद पर कड़ा रुख
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद (PM Modi on Terrorism) का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद से पीड़ित है और हर भारतीय ने इसका दर्द महसूस किया है. पहलगाम (Pahalgam Attack) की हालिया घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है. यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है.
पीएम मोदी ने कहा, ''हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है. हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा. मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है" उन्होंने इस कठिन समय में भारत के साथ खड़े देशों का आभार व्यक्त किया.
भारत का साझा दृष्टिकोण
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संपर्क बढ़ने से न केवल व्यापार और निवेश के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आपसी संबंध भी मजबूत होंगे. उनके अनुसार, एससीओ देशों के पास मिलकर नई संभावनाओं को तलाशने का एक बेहतरीन अवसर है, जिससे सभी को लाभ हो सकता है.
एक मैत्रीपूर्ण संदेश भी दिया
अपने भाषण के दौरान, मोदी ने यह भी कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने वाले हर प्रयास के लिए तैयार है. उन्होंने एससीओ देशों को आश्वस्त किया कि भारत की प्राथमिकता साझा विकास और सहयोग है.
इस पूरे संबोधन से यह स्पष्ट हो गया कि भारत ने न केवल अपनी बात मजबूती से रखी, बल्कि संगठन के अन्य देशों को भी यह संदेश दिया कि सहयोग ही आगे बढ़ने का रास्ता है.












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