इस्लामाबाद : पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की अमेरिका यात्रा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन की तरफ से न केवल यह कि कभी उत्सुकता नहीं दिखाई गई बल्कि इस दिशा में उसकी तरफ से किसी तरह का कोई प्रयास भी नहीं हुआ. यह सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की कोशिशों का नतीजा है कि इमरान की अमेरिका यात्रा हो सकी.
यह जानकारी द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी एक खास रिपोर्ट में दी है. अखबार ने लिखा है कि पर्दे के पीछे महीनों चली कवायद के बाद इमरान की अमेरिका यात्रा मुमकिन हो सकी जिसे अमेरिका-पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्तों और पाकिस्तान में निवेश के लिए काफी अहम माना जा रहा है.
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अखबार ने घटनाक्रम की सीधे जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जारेड कुशनर से अपने निजी संबंधों का इस्तेमाल कर इमरान के लिए अमेरिका के दावतनामे का प्रबंध करवाया. कुशनर, ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार हैं.
इमरान की यात्रा की कोशिशें बीते साल दिसंबर में तब शुरू हुईं जब ट्रंप ने इमरान को पत्र लिखकर उनसे अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में मदद देने को कहा. घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' से कहा कि इमरान चाहते थे कि उनकी ट्रंप से आमने-सामने की मुलाकात हो जिससे वह क्षेत्र में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अमेरिका में पाए जाने वाले 'संशय' को दूर कर सकें.
लेकिन, दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और विश्वास की कमी के कारण अमेरिकी प्रशासन को इस मुलाकात के लिए राजी कर पाना टेढ़ी खीर साबित हुआ. ऐसे में एक ही रास्ता समझ में आया और वह यह कि अमेरिका प्रशासन को बाइपास कर सीधे ट्रंप से संपर्क साधा जाए. अधिकारी ने कहा, "यही वह मुकाम था जब गैर परंपरागत तरीके के इस्तेमाल पर विचार किया गया."
इसके बाद पाकिस्तान ने कुशनर से निजी संबंध रखने वाले प्रिंस सलमान की मदद लेने के लिए उनसे संपर्क का फैसला किया. सत्ता में आने के बाद इमरान और सलमान के बीच कई मुलाकातें हुईं थीं जिसकी वजह से दोनों में अच्छा रिश्ता बना और यह काम आया.
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद प्रिंस सलमान ने कुशनर के जरिए राष्ट्रपति ट्रंप को इमरान खान से मुलाकात के लिए सहमत किया. अखबार ने बताया कि इमरान की अमेरिका यात्रा को संभव बनाने में जिस एक अन्य शख्स की बड़ी भूमिका रही है, वह है रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम जिन्हें अमेरिका का करीबी माना जाता है और जो अफगानिस्तान मामले में इमरान के 'विजन' के प्रशंसक हैं.