इमरान खान (Imran Khan) सरकार अवैध रूप से कब्जा किए गए गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) क्षेत्र को देश का पांचवां प्रांत बनाकर जल्द ही एकीकृत करने की तैयारी कर रही है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, कश्मीर एवं गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर (Ali Amin Gandapur) ने बुधवार को यह बात कही है. अली अमीन ने पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही क्षेत्र का दौरा करेंगे और इसका औपचारिक ऐलान करेंगे.
उन्होंने कहा है कि क्षेत्र को नेशनल असेंबली और सीनेट समेत हर संवैधानिक निकाय में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. अमीन ने कहा कि नवंबर में यहां चुनाव कराए जाएंगे. वहीं भारत का इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख है और इसने इसे लेकर साफ कहा है कि गिलगित-बल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र उसके अंतर्गत आता है. गंडापुर ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान को नेशनल असेंबली और सीनेट समेत सभी संवैधानिक संस्थाओं में पर्याप्त नुमाइंदगी दी जाएगी. मंत्री ने कहा, "सभी पक्षकारों से विचार-विमर्श के बाद संघीय सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार देने पर सैद्धांतिक सहमति जताई है." उन्होंने यह भी कहा कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीसीई) के तहत मोकपोंदास विशेष आर्थिक क्षेत्र पर भी काम शुरू किया जाएगा. यह भी पढ़े: बेहाल पकिस्तान में कोरोना से तबाही, 2,000 से ज्यादा नए मामले आए सामने
मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार ने वहां के लोगों से किए गए वादे को पूरा करने का फैसला किया है." उन्होंने कहा कि क्षेत्र को दिए जाने वाले गेहं पर सब्सिडी और कर छूट तब तक जारी रहेगी, जब तक वहां के लोग अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते. गंडापुर ने कहा कि पिछले 73 वर्षों से गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को वंचित रहना पड़ा है. क्षेत्र के आगामी चुनावों के बारे में गंडापुर ने कहा कि मतदान नवंबर के मध्य में होगा और उम्मीदवारों को पार्टी टिकटों का वितरण जल्द ही शुरू होगा. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) किसी भी स्थानीय पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन में प्रवेश कर सकती है, लेकिन वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ किसी प्रकार का कोई गठबंधन नहीं करेगी.