इस्लामाबाद: इमरान खान (Imran Khan) के नेतृत्व वाली पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को बड़ा झटका लगा है. सत्ताधारी पीटीआई की मुख्य गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) ने विपक्ष पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ एक समझौता कर लिया है. इसके बाद अब इमरान सरकार अल्पमत में आ गई है. इमरान खान ने अपनी पार्टी के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने की सख्त हिदायत दी
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा चुका है और अब विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए एकजुट और मजबूत दिखाई दे रहा है. खान को बाहर करने का गणित सरल है. पीएम खान को बाहर करने के लिए विपक्ष को 172 सांसदों की जादुई संख्या जुटानी होगी.
इससे पहले रविवार को जम्हूरी वतन पार्टी के शाहजैन बुगती के सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकलने के फैसले के बाद, संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या 178 हो गई थी, जो अब एमक्यूएम के जाने से 164 हो गई है. इसके साथ ही विपक्ष के पास अब इमरान खान की सरकार गिराने के लिए जरुरी समर्थन मौजूद है.
सोमवार को सत्ताधारी पार्टी के सहयोगी बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) ने घोषणा करते हुए कहा कि वह पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष के साथ शामिल हो रही है. खालिद मैगसी के बीएपी के संसदीय नेता ने पाकिस्तानी राजनीतिक स्पेक्ट्रम के दिग्गजों के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नेशनल असेंबली में सत्तारूढ़ गठबंधन को छोड़ने की घोषणा की है.
प्रधानमंत्री खान की ओर से स्पष्ट रूप से नए चुनावों के आह्वान के साथ सदन भंग करने की संभावनाओं पर कोई सकारात्मक रुख दिखता दिखाई नहीं दे रहा है. लेकिन यह तभी संभव हो पाता जब सोमवार को नेशनल असेंबली में शहबाज शरीफ द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले उन्होंने विघटन के लिए अपना कदम रखा होता. अब जबकि अविश्वास प्रस्ताव अपना काम कर रहा है, 31 मार्च से शुरू होने वाली कार्यवाही के साथ, खान ने समर्थन के लिए सीधे लोगों के पास जाने का अपना अवसर खो दिया है.
इस बीच, पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान ने 3 अप्रैल को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन सत्तारूढ़ पीटीआई सांसदों को नेशनल असेंबली के सत्र में शामिल होने से रोक दिया है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने मंगलवार को पीटीआई के संसदीय दल के प्रमुख/नेता के रूप में निर्देश जारी किए, जिसके एक दिन बाद विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ द्वारा उनके खिलाफ संसद के निचले सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. (एजेंसी इनपुट के साथ)