बीजिंग: चीन ने गुरुवार को कहा कि वह चीन व पाकिस्तान के बीच बस सेवा योजना के विवादित कश्मीर के रास्ते गुजरने को लेकर भारत के विरोध प्रदर्शन से अवगत नहीं है. चीन ने कहा कि चीन पाकिस्तान बस सेवा (सीपीईसी) का भारत व पाकिस्तान के बीच क्षेत्रीय विवाद से कुछ लेना-देना नहीं है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी परिवहन कंपनी लाहौर व चीन के शिंजियांग प्रांत के काश्गर के बीच चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) ढांचे के तहत शनिवार को बस सेवा शुरू करेगी.
बस सेवा की शुरुआत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शुक्रवार से शुरू होने वाले चार दिवसीय चीन दौरे के समय हो रही है. भारत का कहना है कि उसने चीन व पाकिस्तान से प्रस्तावित बस सेवा को लेकर विरोध दर्ज कराया है.
भारत सीपीईसी का विरोध करता है, क्योंकि इसका योजनाबद्ध मार्ग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि 1963 का तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौता अवैध व गैरकानूनी है. उन्होंने कहा, "इसलिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से इस तरह की कोई भी बस सेवा भारत की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन होगी. यह भी पढ़ें: चीन ने फिर से दिखाई दादागिरी, अरुणांचल में घूमते पाए गए चीनी सैनिक, लद्दाख में घुसा हेलिकॉप्टर
भारत के विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, जहां तक बस सेवा की बात है, मुझे संबंधित जानकारी के बारे में नहीं पता है और मुझे शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कहा, मेरे पास सीपीईसी के संदर्भ में कई सवाल आए हैं. यह पाकिस्तान व चीन के बीच में एक आर्थिक सहयोग परियोजना है और किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाया गया है.
लू ने कहा, इसका क्षेत्रीय विवाद से कोई लेना-देना नहीं है और इससे चीन के कश्मीर मुद्दे पर सैद्धांतिक स्थिति पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. सीपीईसी, चीन के बेल्ट एवं रोड पहल की मुख्य परियोजना है, जो चीन के काश्गर को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ती है।