एक महिला रोसांगेला अल्मेडा की मौत पर उसके परिवार ने उसके शव को ताबूत में डालकर दफना दिया था. उपर से पूरी तरह प्लास्टर कर दिया गया. महिला को दफनाए हुए 11 दिन बीत चुके थे. लेकिन कब्रिस्तान के पास रहने वाले लोगों ने कब्र से आवाजें आने की बात कही. ये सुनकर परिवार वालों के पांव तले जमीन खिसक गई. मामला पूर्वोत्तर ब्राजील के रियाचाओ दास नेवेस के कब्रिस्तान का है.
महिला के परिवार ने कब्र को तोड़ दिया और रोसांगेला को उसके अंदर बेजान पाया. लोगों का कहना है कि वह गलती से जिंदा दफनाई दी गई थी. माना जा रहा है कि ये महिला ग्यारह दिनों तक अपने ताबूत के अंदर बेहोश पड़ी रही और उसके बाद बाहर निकलने की कोशिश करती रही वह चिखती चिल्लाती रही. इस दौरान उसकी कलाइयों में चोट भी लगी गई.
लोगों ने महिला को ताबूत से बाहर निकाला. कुछ लोगों ने एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहा, जबकि अन्य लोग महिला के पैर छूते हैं और कहते हैं कि ये कितनी गर्म है. हालांकि, उसे जल्द ही अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया और अगले ही दिन उसे फिर से दफना दिया गया.
महिला के हाथों और माथे पर चोटें थीं, जिससे ऐसा लग रहा था कि उसने ताबूत से बाहर निकलने के लिए कोशिश की थी. महिला के कान और नाक में लगी रूई भी उसके शरीर से बाहर आ गई थी.