न्यूजीलैंड का डुनेडिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DUD) अपने अनोखे नियम के लिए सुर्खियों में है. यहां गले लगाने का समय अधिकतम 3 मिनट रखा गया है. एयरपोर्ट के ड्रोप-ऑफ जोन में एक साइनबोर्ड पर लिखा है, "गले लगाने का अधिकतम समय 3 मिनट. भावुक विदाई के लिए कृपया कार पार्क का उपयोग करें."
समय की पाबंदी का कारण
डुनेडिन, जो कि न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप पर स्थित है, देश का तीसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. हालांकि यह व्यस्ततम नहीं है, लेकिन यहां का एकमात्र टर्मिनल उच्च यात्रा सीजन में यात्रियों की भीड़ को संभालता है. गले लगाने के समय की पाबंदी का उद्देश्य ड्रोप-ऑफ जोन में जगह बनाए रखना है. यहां गले लगाने के लिए अधिकतम समय 3 मिनट और कार पार्किंग के लिए 15 मिनट रखा गया है, क्योंकि यह वही समय है जब पार्किंग मुफ्त होती है.
एक हल्की-फुल्की पहल
डुनेडिन एयरपोर्ट के मुख्य कार्यकारी, डैन डे बोनो ने कहा, "हम इसके साथ मजाक कर रहे हैं. यह एक एयरपोर्ट है और ये ड्रोप-ऑफ लोकेशंस विदाई के लिए सामान्य स्थान होते हैं." उन्होंने यह भी बताया कि इन सीमाओं का उद्देश्य अन्य यात्रियों के लिए जगह बनाना है.
And you think they're not out to control you?
Visitors to the airport in Dunedin, New Zealand, are now limited to a 3-minute hug. The airport head explained that research indicates only 20 seconds are needed for the release of "love hormone" during a hug. pic.twitter.com/QPSzk37m8z
— Zappawaddawadda (@zappawaddawadda) October 21, 2024
डे बोनो ने गले लगाने के विज्ञान पर भी ध्यान दिया और कहा कि केवल 20 सेकंड के गले लगाने से ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन जैसे खुश रहने वाले हार्मोन रिलीज होते हैं. "तीन मिनट का गला मिलाना पूरे दिन के लिए लोगों को खुश रखने के लिए पर्याप्त है," उन्होंने कहा.
अन्य एयरपोर्ट्स की नीतियां
डुनेडिन एयरपोर्ट अकेला ऐसा नहीं है जिसने गले लगाने के समय को सीमित किया है. डेनमार्क के आल्बोर्ग एयरपोर्ट ने 2013 में "किस एंड गुडबाय" क्षेत्र पेश किया था, ताकि पार्किंग को भीड़ से बचाया जा सके.
डुनेडिन एयरपोर्ट की यह अनूठी पहल यात्रियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. जहां एक ओर यह एक मजेदार तरीके से यात्रा को सुगम बनाने का प्रयास है, वहीं दूसरी ओर यह यह भी दर्शाता है कि सार्वजनिक स्थानों पर सीमाओं का होना आवश्यक है. अब देखना यह है कि क्या अन्य एयरपोर्ट भी इस अनोखी पहल को अपनाते हैं.