वाशिंगटन, 28 जनवरी : नासा के मेगा मून रॉकेट ने सभी प्रदर्शन परीक्षणों को पास कर लिया है और इंजीनियर अब पहले क्रू आर्टेमिस मिशन की तैयारी के लिए स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) के प्रदर्शन पर करीब से नजर रख रहे हैं. नासा इस साल 16 नवंबर को एजेंसी के आर्टेमिस-1 लॉन्च के दौरान स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट (एसएलएस) के पहले प्रदर्शन के बारे में डेटा का मूल्यांकन कर रहा है.
एसएलएस प्रोग्राम मैनेजर जॉन हनीकट ने कहा, नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट ने अंतरिक्ष में आर्टेमिस जनरेशन और स्पेसफ्लाइट के भविष्य की नींव रखी है. उन्होंने कहा, रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के लिए इंजीनियरिंग और एक कला की जरुरत होती है. एसएलएस रॉकेट विश्लेषण नासा और उसके भागीदारों को आर्टेमिस-2 और उससे आगे के मिशनों के लिए अच्छी स्थिति में रखता है. प्रारंभिक पोस्ट-फ्लाइट डेटा ने संकेत दिया कि सभी एसएलएस सिस्टम असाधारण रूप से प्रदर्शन करते हैं और डिजाइन आर्टेमिस-2 पर क्रू फ्लाइट का समर्थन करने के लिए तैयार हैं. यह भी पढ़ें : Egypt Oldest Mummy: मिस्र में मिली 4300 साल पुरानी ममी! वैज्ञानिक हैरान, हजारों साल तक कैसे रही सलामत?
नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) रॉकेट के मुख्य चरण में 1,000 से अधिक सेंसर और 45 मील की केबल है. बूस्टर पृथक्करण जैसी घटनाओं के दौरान रॉकेट ने कैसा प्रदर्शन किया, इस पर वास्तविक डेटा एकत्र करने का एकमात्र तरीका आर्टेमिस-1 फ्लाइट परीक्षण है. एसएलएस के मुख्य इंजिनियर जॉन बिल्विन्स ने कहा, हमें आर्टेमिस-1 से जो डेटा मिला है, वह इस रॉकेट को वापस चंद्रमा पर भेजने के लिए विश्वास पैदा करने में महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, एसएलएस टीम रॉकेट की भविष्य की उड़ानों को बेहतर बनाने के लिए इस उड़ान परीक्षण से जो कुछ भी सीखती है उसका उपयोग करेगी, और हम पहले से ही संचालन और असेंबली के बारे में सीख चुके हैं और इसे भविष्य के मिशनों को सुव्यवस्थित करने के लिए लागू कर रहे हैं. कैमरे और सेंसर ने टीमों को यह निगरानी करने की भी अनुमति दी कि रॉकेट ने अपने अंतरिक्ष युद्धाभ्यास के दौरान कैसा प्रदर्शन किया. आर्टेमिस के जरिए नासा चंद्रमा की सतह पर उतारेगा, जो लंबी अवधि की चंद्र उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त करेगा और मंगल ग्रह के रास्ते में अंतरिक्ष यात्रियों के की मदद करेगा.