वेलिंगटन: न्यूजीलैंड के बड़े मीडिया संगठनों ने बुधवार को संकल्प लिया कि वे ऐसी कोई कवरेज नहीं करेंगे जिससे कि क्राइस्टचर्च (Christchurch) में मस्जिदों पर हमले के आरोपी को मुकदमे के दौरान चरमपंथी विचारधारा फैलाने में कोई मदद मिले. ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ब्रेंटन टैरैंट ने 15 मार्च को जुमे की नमाज के दौरान दो मस्जिदों पर गोलीबारी कर 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और 39 अन्य को घायल कर दिया था.
इस श्वेत हमलावर ने हमला करने से पहले एक ऑनलाइन ‘‘घोषणापत्र’’ जारी किया था. देश के पांच सबसे बड़े मीडिया प्रतिष्ठानों का प्रतिनिधित्व करने वाली ‘द न्यूजीलैंड मीडिया फ्रीडम कमेटी’ ने कहा कि आरोपी ‘श्वेत श्रेष्ठता’ की भावना और आतंकी विचारधारा के प्रसार के लिए मुकदमे को मंच के रूप में इस्तेमाल कर सकता है.
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इसने कहा कि संपादक इस तरह की चीजों को रोकने के लिए कुछ दिशा-निर्देश तय करने पर सहमत हुए. उन्होंने संकल्प लिया कि वे ऐसी कोई कवरेज नहीं करेंगे जिससे कि आरोपी को अपनी विचारधारा के प्रसार में मदद मिले.