लेबनान से आया ड्रोन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निवास स्थान के पास गिरा, जिससे इजरायली सुरक्षा प्रणाली में गंभीर खामियां उजागर हुईं. यह घटना हाइफा के कैसरिया इलाके में हुई, जहां ड्रोन का हमला प्रधानमंत्री को निशाना बनाने की कोशिश का संकेत देता है. हालांकि, घटना के समय नेतन्याहू और उनकी पत्नी घर पर मौजूद नहीं थे, और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
कैसे हुआ ड्रोन हमला और क्या रहा उसका असर?
इजरायली सुरक्षा बलों ने पुष्टि की है कि ड्रोन ने एक खुले क्षेत्र में धमाका किया, जिसमें कोई जनहानि नहीं हुई. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि यह ड्रोन लेबनान से आया था और उसकी वजह से सुबह हाइफा में वॉर्निंग सायरन बज उठे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन ड्रोन लेबनान से इजरायली सीमा में दाखिल हुए थे, जिनमें से दो को वायु रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया, लेकिन तीसरा ड्रोन कैसरिया में एक इमारत से टकराया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की आवाज बेहद जोरदार थी, और इसके छर्रे आसपास की इमारतों तक पहुंच गए.
ड्रोन की सटीकता और एयर डिफेंस की नाकामी
रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्रोन अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम था. सुरक्षा एजेंसियों ने माना कि इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम इस हमले को रोकने में नाकाम रहा. ड्रोन ने इजरायली हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की और कैसरिया के बाहरी इलाके में सेना के हेलीकॉप्टर के पास से उड़ते हुए भी किसी की नजर में नहीं आया.
तेल अवीव में सायरन बजना शुरू
ड्रोन के हमले के बाद उत्तरी तेल अवीव के ग्लिलोट इलाके में सैन्य ठिकानों पर सायरन बजने लगे. इजरायली सेना ने कहा कि ड्रोन इजरायली हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले लगभग एक घंटे तक आसमान में मंडराता रहा.
हमले के पीछे हिज़बुल्ला का हाथ
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हिज़बुल्ला ने लेबनान पर इजरायल के हमलों और गाज़ा में चल रहे संघर्ष के जवाब में अपने अभियानों को बढ़ाने की कसम खाई है. इजरायली सरकार इस हमले को गंभीर सुरक्षा चूक मान रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रणनीतिक कदम उठाने की बात कह रही है.
यह ड्रोन हमला इजरायल की सुरक्षा प्रणाली के लिए बड़ा झटका है, जो दर्शाता है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है. इस घटना से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि लेबनान और इजरायल के बीच पहले से ही हालात तनावपूर्ण हैं. इजरायली सेना इस हमले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट जारी करेगी.