हैम्बर्ग में चाकू हमलाः दो बहादुरों ने बचाई लोगों की जान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी में शुक्रवार को चाकू से हुआ हमला बहुत बड़ा और भयावह हो सकता था. लेकिन वहां मौजूद दो लोगों की बहादुरी ने बहुत सी जानें बचा लीं.जर्मनी के हैम्बर्ग सेंट्रल स्टेशन पर शुक्रवार शाम हुए चाकू हमले को दो आम नागरिकों की बेहद साहसिक और तेज प्रतिक्रिया ने और ज्यादा खतरनाक बनने से रोक दिया. यह हमला शाम 6 बजे के आसपास स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 13/14 पर हुआ, जब यात्रियों से भरी एक ट्रेन के सामने खड़ी 39 वर्षीय महिला ने अचानक चाकू निकालकर यात्रियों पर हमला करना शुरू कर दिया.

वहां मौजूद लोगों के अनुसार, हमलावर महिला तेजी से यात्रियों की ओर बढ़ रही थी और एक के बाद एक लोगों को चाकू मार रही थी. स्टेशन पर मौजूद दो आम यात्रियों ने बिना समय गंवाए हालात को समझा और सीधा दखल दिया. इनमें से एक व्यक्ति ने महिला का ध्यान भटकाया, जबकि दूसरे ने पीछे से झपट्टा मारकर उसके हाथ से चाकू छीनने की कोशिश की. कुछ ही सेकंड में दोनों ने मिलकर महिला को जमीन पर गिरा दिया और उसे काबू में कर लिया.

स्थानीय अखबार हैम्बुर्गर आबेनब्लाट की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों राहगीरों ने हमलावर से चाकू भी छीन लिया और उसे पुलिस के आने तक उसे वहीं रोके रखा.

पुलिस प्रवक्ता फ्लोरियान एबेनसेथ ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, "अगर ये दो राहगीर तुरंत हस्तक्षेप न करते, तो यह हमला कहीं ज्यादा जानलेवा हो सकता था. उनकी हिम्मत काबिल-ए-तारीफ है.”

कोई बाहरी मकसद नहीं

हमलावर महिला को बाद में घटनास्थल से बिना किसी विरोध के गिरफ्तार कर लिया गया. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि महिला मानसिक रूप से अस्थिर है और उसके इस कृत्य के पीछे किसी भी तरह का राजनीतिक या आतंकी मकसद नहीं था. फिलहाल, उसे एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया है, जो यह फैसला लेगा कि उसे मानसिक इलाज के लिए अस्पताल भेजा जाए या नहीं.

पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि महिला के खून में शराब या किसी मादक पदार्थ की मौजूदगी नहीं पाई गई है. पुलिस घटना का सिलसिला बनाने की कोशिश कर रही है. कई गवाहों से भी बातचीत की जाएगी.

घटना में 18 लोग घायल हुए, जिनमें तीन महिलाएं (उम्र 24, 52 और 85 वर्ष) और एक 24 वर्षीय युवक गंभीर रूप से घायल थे. शनिवार को पुलिस ने बताया कि अब सभी की हालत स्थिर है. सात अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए और सात को हल्की चोटें आईं.

पुलिस और बचाव दल की टीमें रात भर स्टेशन पर सक्रिय रहीं, उन्होंने घटनास्थल की घेराबंदी की और सबूत जुटाए. जर्मन ट्रेन कंपनी डॉयचे बान की प्रवक्ता ने शनिवार सुबह बताया कि हमले के बाद स्टेशन पर ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से फिर से शुरू हो गई हैं.

बार-बार हो रहे हैं हमले

इस हमले के बाद देश भर में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. हैम्बर्ग के मेयर पीटर शेंटशर ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, "यह हमला भयावह था. हमलावर हिरासत में है. मैं सभी घायलों को शक्ति और जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.” जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने भी बयान जारी कर कहा, "हैम्बर्ग की खबरें बेहद दुखद हैं. मेरी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं.” वहीं, गृह मंत्री अलेक्जेंडर डोब्रिंड्ट ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "यह कायरता और अमानवीयता की पराकाष्ठा है जब यात्रियों पर इस तरह का हमला किया जाता है.”

गौरतलब है कि जर्मनी में बीते महीनों में इस प्रकार की हिंसक घटनाओं में वृद्धि देखी गई है. पिछले रविवार को बिलेफेल्ड में भी एक चाकू हमले में चार लोग घायल हुए थे, जिसमें आतंकवादी प्रेरणा की जांच चल रही है. जर्मनी सरकार ने पिछले साल चाकू ले जाने के कानून को सख्त किया है, जिसके तहत लंबी दूरी की ट्रेनों और सार्वजनिक स्थानों पर हथियार ले जाना प्रतिबंधित है. इसमें हैम्बर्ग सेंट्रल स्टेशन भी शामिल है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि केवल नियमों से नहीं, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक हस्तक्षेप को भी मजबूत करने की जरूरत है.