नई दिल्ली: मध्य एशिया (Central Asia) के सबसे बड़े देश कजाकिस्तान (Kazakhstan) में कई दिनों तक चले संघर्ष में 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. कजाकिस्तान में सोमवार को पांच दिनों के बाद इंटरनेट सेवाएं (Internet services) फिर से शुरू कर दी गईं. इस बीच, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) के नेतृत्व वाले सुरक्षा बलों (Security Forces) ने 8,000 लोगों को हिरासत में लिया है. देश में 2 जनवरी से भारी उथल-पुथल देखी जा रही है, क्योंकि ईंधन (Fuel) की कीमतों में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले के खिलाफ सभी प्रमुख शहरों में हिंसा भड़क उठी थी. कजाकिस्तान में दो मंजिला इमारत से टकराई विमान, दुर्घटना में 14 की मौत 35 घायल
कजाकिस्तान में हाल के घटनाक्रम पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता, अरिंदम बागची ने कहा, "भारत कजाकिस्तान में हाल के घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है. हम उन निर्दोष पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिनके अपनों ने हिंसा में जान गंवाई है. कजाकिस्तान के एक करीबी और मैत्रीपूर्ण साथी के रूप में हम स्थिति के शीघ्र स्थिर होने की आशा करते हैं. अधिकारियों के साथ समन्वय ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद की है। उन्हें स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है. किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क करें."
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम जोमार्ट टोकायव ने देश में शांति बहाल करने के लिए 'शूट टू किल' आदेश देने के बाद किसी का नाम लिए बिना कुछ संगठनों पर लोकतांत्रिक सरकार को परेशान करने के लिए अशांति फैलाने का आरोप लगाया है.
टोकायव के बयान का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद निशाना बना रहा है. रूस इस क्षेत्र में किसी भी तरह की क्रांति या विद्रोह की अनुमति नहीं देगा. पुतिन ने कहा कि कजाकिस्तान में जिस तरह से हिंसा हुई, उससे स्पष्ट है कि यह पूर्व नियोजित था और प्रशिक्षित उग्रवादियों के नेतृत्व में माना जाता है कि पश्चिम द्वारा प्रशिक्षित और सुसज्जित किया गया था.
दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने देश के आंतरिक मामलों में रूस की मदद लेने और कजाकिस्तान में रूसी सैनिकों को अनुमति देने के कजाकिस्तान सरकार के फैसले पर सवाल उठाया, क्योंकि वहां 2,000 से अधिक रूसी सैन्यकर्मी पहुंचे हैं.
ब्लिंकन ने कजाकिस्तान सरकार से प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि टोकायेव ने प्रदर्शनकारियों को 'आतंकवादी' कहा और 'शूट टू किल' आदेश पारित किया, जिस कारण अब तक 160 से अधिक मौतें हुई हैं.