इस्लामाबाद: इमरान खान (Imran khan) पाकिस्तान के पीएम बनने के बाद करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) को लेकर बड़े ही गर्मजोशी के साथ कई घोषणा की थी. खान के उस घोषणा के बाद सिख समुदाय के लोगों के आस्था के प्रति उनका एक उदार कदम बताया गया था. लेकिन गुरुवार को दोनों देश के बीच हुई बैठक के बाद पाकिस्तान का दोहरा रवैया सामने आया है. बैठक के दौरान पाकिस्तान ने भारत की कई बातों को मानने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के इस रवैये को लेकर कड़ा विरोध जताते हुए इमरान खान के प्रति घूठा घोषणा करने का आरोप लगाया है.
खबरों की माने तो दोनों देशों के बीच हुए इस बैठक के दौरान भारत की तरफ से श्रद्धालुओं को लेकर कई अहम मांगें पाकिस्तान के सामने रखीं गई. जिन मांगों को पाकिस्तान ने मानने से इनकार कर दिया. यह भी पढ़े: करतारपुर कॉरिडोर की बैठक से पहले पाक पीएम इमरान खान ने की खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला से मुलाकात
पाकिस्तान के सामने रखी गई ये मांगें
1- दोनों देश के उच्चाधिकारियों के बीच हुई बैठक के दौरान भारत ने कहा था कि 5000 यात्री हर दिन करतारपुर साहिब के दर्शन करें और किसी खास दिन जैसे बैसाखी, गुरुपूर्णिमा के समय 15000 यात्री प्रतिदिन दर्शन करें. लेकिन पाकिस्तान भारत के इस प्रस्ताव को नकारते हुए कहा कि रोजाना सिर्फ 500 श्रद्धालु दर्शन करेंगे.
2- भारत ने मांग की थी कि सभी भारतीय नागरिक और OCI कार्ड धारक करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएं पर पाकिस्तान ने कहा कि केवल सिख ही वहां पर दर्शन करने जाएंगे.
3- भारत ने पाकिस्तान से कहा कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो उसको करतारपुर के दर्शन करने के लिए पाकिस्तान इजाजत दे. लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि केवल और केवल 15 श्रद्धालुओं का ग्रुप ही एक बार मे भारत से दर्शन करने जा सकता है. भारत ने इसको लेकर ऐतराज जताया.
4- करतारपुर साहिब को महाराजा रणजीत सिंह ने और कुछ श्रद्धालुओं ने मिलकर 100 एकड़ जमीन दान में दी थी. पाकिस्तान इस भूमि का इस्तेमाल अपने लिए कर रहा है. भारत ने कहा की 100 एकड़ जमीन करतारपुर साहिब ट्रस्ट में रखा जाए. पाकिस्तान ने इस बात को भी अपनी मीटिंग के दौरान अस्वीकार कर दिया.
5- भारत ने कहा कि कोई व्यक्ति चाहे गाड़ी से जाए या फिर वो दर्शन करने पैदल जाना चाहता है वो जा सकता है, ये उसकी इच्छा के अनुसार होना चाहिए. पर पाकिस्तान ने कहा कि बॉर्डर के पार कोई पैदल दर्शन करने नहीं जा सकता है. दर्शन करने वाला श्रद्धालु सिर्फ और सिर्फ गाड़ी से ही जा सकता है.
बता दें कि पाकिस्तान के साथ 1974 में एक (MOU) भारत और पाकिस्तान में स्थित दोनों देशों से जुड़े धार्मिक स्थानों को लेकर हुआ था, जिसमें 15 धार्मिक स्थान पाकिस्तान में थे, जिनको भारत के श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं और 7 धार्मिक स्थान भारत में हैं जिनको पाकिस्तान के श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं. 1974 के दौरान हुए एमओयू में पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब को शामिल नहीं किया था.