यहां पुलिस भर्ती के लिए महिलाओं का होता है टू फिंगर वर्जिनिटी टेस्‍ट, सुंदरता और कौमार्य के आधार पर होता है चयन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: WikiCommons)

जकार्ता: विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा टू फिंगर वर्जिनिटी टेस्ट को गैर जरूरी करार दिए जाने के बावजूद इंडोनेशिया पुलिस अब भी नौकरी पर रखते समय चयन प्रक्रिया के नाम पर महिलाओं का यह टेस्ट कर रही है. बता दें कि चयन की इस प्रक्रिया को अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार समूह ने भी अवैज्ञानिक करार दिया था, बावजूद इसके इंडोनेशिया पुलिस में भर्ती होने के लिए महिलाओं का वर्जिन और सुंदर होना अनिवार्य माना जाता है और उन्हें टू फिंगर टेस्ट से होकर गुजरना पड़ता है.

बताया जाता है कि इंडोनेशिया पुलिस महिलाओं के चयन की इस प्रक्रिया को न तो रिकॉर्ड करता है और न ही इसे किसी दस्तावेज में दर्ज किया जाता है, फिर भी नैतिकता या शारीरिक परीक्षा का हवाला देकर इसे पूरे देश में आयोजित किया जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया पुलिस की भर्ती प्रक्रिया के दौरान महिला आवेदक की वर्जिनिटी बरकरार है या नहीं यह जानने के लिए टू फिंगर टेस्ट का तरीका अपनाया जाता है.

इस टेस्ट के दौरान महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में दो उंगलियों को इंसर्ट करके यह पता लगाया जाता है कि महिला की वर्जिनिटी का प्रतीक हाइमन अब भी बरकरार है या नहीं. ह्यूमन राइट्स वॉच के लिए काम करने वाले इंडोनेशियाई रिसर्चर आंद्रियास हारसोनो ने डॉयचे वेले को बताया कि पुलिस विभाग के कुछ डॉक्टरों के मुताबिक, यह टेस्ट आवेदक की नैतिकता परखने के लिए किया जाता है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान: महिला से कार्यस्थल पर हिजाब न पहनने या इस्तीफा देने को कहा गया

बताया जाता है कि इस प्रक्रिया में परीक्षण के नाम पर बेहद निर्मम और भेदभाव भरा व्‍यवहार किया जाता है. जिसका उम्‍मीदवार की शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी असर पड़ता है. इंडोनेशिया में अलग-अलग जगह नियुक्त 6 महिला अधिकारियों ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें भी भर्ती के दौरान इसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था.

ऐसी ही एक महिला ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया था कि वह किस तरह 20 महिलाओं में से चुनकर आई थी और उसे इस बात का डर था कि एक बार टू फिंगर टेस्ट से गुजरने के बाद वह वर्जिन नहीं रह पाएगी. उसने बताया कि टू फिंगर टेस्ट के दौरान उसे काफी दर्द हुआ था. वहीं एक अन्य महिला ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर यह बताया था कि इस टेस्ट के दौरान उसका अनुभव काफी बुरा था, जिसे वो अपने जीवन में कभी याद नहीं रखना चाहेगी.

उधर जाकिया नाम की एक मार्शल आर्ट एथलीट का कहना है कि अभ्यास के दौरान वो एक बार गिर गई, जिसके चलते उसके प्राइवेट पार्ट में काफी दर्द होने लगा और उसका हाइमन टूट गया. जब पुलिस भर्ती की प्रक्रिया के दौरान उसका इंटरव्यू लिया गया तो उसने यह बात बताई, जिसके बाद उसे दूसरे राउंड के लिए नहीं बुलाया गया.

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस टेस्ट पर पाबंदी लगाए जाने के बावजूद इंडोनेशिया की सरकार लंबे समय से पुलिस द्वारा किए जा रहे इस टेस्ट के प्रति कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.