भारत, चीन और रूस ने 12 साल बाद की दूसरी त्रिपक्षीय वार्ता, वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर हुई चर्चा
रूस, भारत और चीन की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.......सकारात्मकता और गर्मजोशी से लबरेज इस बैठक में नेताओं ने वैश्विक शांति और स्थिरता में योगदान देने वाले विषयों पर सहयोग और तालमेल पर चर्चा की.....
ब्यूनस आयर्स: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(PM Narendra Modi), चीन के प्रधानमंत्री शी चिनफिंग(Xi Jinping) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Vladimir Putin) ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर विचार विमर्श के लिए शुक्रवार को त्रिपक्षीय वार्ता की. तीनों देशों के बीच करीब 12 साल बाद यह दूसरी त्रिपक्षीय वार्ता(The Second Trilateral Talks) है. रूस(Russia), भारत(India) और चीन(China) की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली त्रिपक्षीय बैठक की.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘ विकास(Development) में महत्वपूर्ण भागीदारों के साथ संबंध प्रगाढ़. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्यूनस आयर्स में आरआईसी (रूस, भारत, चीन) त्रिपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया.'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार(Ravish Kumar) ने ट्वीट किया, ‘‘ 12 साल के अंतराल में दूसरी बार रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय बैठक ब्यूनस आयर्स में हुई.
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सकारात्मकता(Positivity) और गर्मजोशी से लबरेज इस बैठक में नेताओं ने वैश्विक शांति(Global Peace) और स्थिरता में योगदान(Contribute to Stability) देने वाले विषयों पर सहयोग और तालमेल पर चर्चा की. इससे पहले दिन में भारत, जापान(Japan) और अमेरिका(America) ने अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक(The First Trilateral Talks)में वैश्विक और बहुपक्षीय हितों के मुख्य मुद्दों पर चर्चा की. सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिशों के बीच हुई इस चर्चा को बेहद अहम माना जा रहा है.
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इस बैठक में भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र(Indo-Pacific Region) को साझा आर्थिक वृद्धि वाला क्षेत्र बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया. मोदी ने जोर दिया कि भारत ‘साझा मूल्यों पर साथ काम करना जारी रखेगा. मोदी ने कहा, ‘‘ जब आप जापान, अमेरिका और भारत के नामों के पहले अक्षर पर जाएंगे तो यह जेएआई (जय) है और इसका मतलब हिंदी में सफलता होता है.''