संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में दुबई में रहने वाले भारतीय प्रवासी व उसकी पत्नी के साथ विभिन्न बैंकों में खोले गए संयुक्त खाते में जमा 1द लाख दिरहम (272,242 डॉलर) को व्यक्ति की पत्नी की मृत्यु के बाद जारी करने रोक दिया गया था. मीडिया ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.
गल्फ समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, नरेंद्र गजरिया की पत्नी हीना की मौत के बाद दुबई न्यायालय ने कानूनी तौर पर उत्तराधिकारी को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के तहत उनके संयुक्त खातों को अस्थायी रूप से अवरुद्ध कर दिया था.
खातों के अवरूद्ध होने की वजह से गजरिया एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकत थे, न ही ऑनलाइन लेनदेन कर पा रहे थे और न ही खरीदारी करने के लिए अपने कार्ड का उपयोग कर सकते थे. उनके पास कोई भी एकल बैंक खाता नहीं था, जिससे वह कोई भी लेन-देन कर सकें. लेनदेन अवरूद्ध होने की वजह से उनकी हालत बदतर हो गई थी.
गजरिया ने गल्फ समाचार को बताया, "मेरे पास विभिन्न बैंकों के खाते में करीब 10 लाख दिरहम हैं, जो अवरूद्ध कर दिए गए थे. जैसे ही मुझे इस बात का अहसास हुआ, मैं उन बैंकों में से एक के पास गया, जिनके साथ मैं काम कर रहा था और मेरे नाम पर एक नया खाता खोला. मेरे पास जो भी थोड़े पैसे थे, उस खाते में डाल दिया."
उन्होंने आगे बताया, "इसके बाद मैं सीधे अपने कार्यालय गया और अपने नए बैंक की जानकारी दी, ताकि मेरा वेतन उसमें स्थानांतरित किया जा सके. सौभाग्यवश अगले दिन ही मेरी तनख्वाह आने वाली थी, जिससे मेरे खाते में पैसे आए." उन्होंने कहा कि उन्हें उनके ही पैसे मिलने में पांच महीने लग गए. गजरिया ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि संयुक्त अरब अमीरात में उनकी पत्नी के साथ संयुक्त खाता होने से इतनी असुविधा होगी.