जर्मनीः बच्चों के खिलाफ यौन अपराध तीन गुना हो गया 5 साल में
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

2019 से 2023 तक पांच वर्षों में बच्चों के साथ यौन हिंसा के मामले जर्मनी में 12,268 से बढ़कर 45,191 हो गए, यानी तीन गुना से ज्यादा. संख्या हर साल बढ़ रही है, हालांकि पुलिस यह भी मान रही है कि बहुत से मामले दर्ज नहीं होते.जर्मनी की गृह मंत्री नैन्सी फेजर और जर्मनी की केंद्रीय पुलिस की उपाध्यक्ष मार्टिना लिंक ने 8 जुलाई 2024 को 'बुंडेसलागेबिल्ड सेक्सुअलडेलिक्टे' रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में बच्चों और नाबालिगों के खिलाफ यौन शोषण और दुर्व्यवहार से संबंधित आंकड़े हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अपराधों का एक अहम कारण इंटरनेट है, जिसमें सोशल नेटवर्कों के माध्यम से संपर्क स्थापित किया जाता है और इंटरनेट लाइव-स्ट्रीम पर बच्चे या तो स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वेबकैम के सामने दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं. इसे "लाइव डिस्टेंस चाइल्ड एब्यूज" भी कहा जाता है.

बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए क्या कर रहा है जर्मनी और यूरोपीय संघ

पुलिस रिपोर्ट के आकड़ें

जर्मनी की पुलिस की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2023 में बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के दर्ज मामले 5.5 प्रतिशत बढ़कर 16,375 हो गए. इनमें 18,497 पीड़ित शामिल थे, जिनमें से तीन-चौथाई लड़कियां थीं और 11,900 संदिग्धों में से 94 प्रतिशत पुरुष थे.

नाबालिगों के खिलाफ यौन शोषण के मामले भी 5.7 प्रतिशत बढ़कर 1,200 हो गए. पुलिस का मानना है इन मामलों की असल संख्या आंकड़ों में दिख रही संख्या से बहुत अधिक हो सकती है. बच्चों के यौन शोषण से संबंधित मामलों की संख्या 7.4 प्रतिशत बढ़कर 45,000 हो गई है जिसमें, आधे से अधिक पीड़ितों का अपराधी के साथ पहले से संबंध था. पुलिस का यह भी कहना है कि बहुत से मामले अब भी दर्ज नहीं होते हैं.

जर्मनी की केंद्रीय पुलिस के अनुसार, संदिग्धों का बड़ा हिस्सा यानी लगभग 30 प्रतिशत, बच्चे या नाबालिग ही हैं. अधिकांश मामले नॉर्थ राइन-वेस्टफालिया और नीदरजाखसेन जैसे बड़े महानगरीय क्षेत्रों वाले राज्यों में रिपोर्ट हुए. पुलिस का कहना है कि ऑनलाइन और संचार व्यवहार में बढ़ोत्तरी और पुलिस की निगरानी क्षमताओं में सुधार इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के संदिग्धों में अमीर और पढ़े लिखे लोग भी शामिल

कानूनी सुधार की जरूरत

जर्मनी की संघीय पुलिस को रोजाना सैकड़ों गायब और शोषित बच्चों की रिपोर्ट मिलती है. 2023 में ऐसी लगभग 180,300 रिपोर्टें हासिल हुईं. इस हिसाब से इनकी संख्या में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इनमें से लगभग आधे मामले जर्मन कानून के तहत आपराधिक रूप से दर्ज होने लायक थे.

पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है, विशेष रूप से डार्कनेट प्लेटफार्मों पर, जहां बच्चों की यौन हिंसा की सामग्री शेयर की जाती है. हालांकि फरवरी 2024 में जर्मनी के कैबिनेट ने बच्चों की यौन शोषण की तस्वीरें शेयर करने पर एक साल की न्यूनतम सजा को घटाकर छह महीने करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. यह सुधार उन मामलों में नरमी बरतने के इरादे से लाया गया था जो अनजाने में या कम गंभीर परिस्थितियां में हुई हो. तब न्याय मंत्री मार्को बुशमैन ने कहा था कि यह बदलाव न्यायपालिका को प्रत्येक मामले में उपयुक्त तरीके से फैसले देना संभव बनाएगा.

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

संघीय गृह मंत्री नैन्सी फेजर ने कहा, "हर दिन, जर्मनी में 54 बच्चे और युवा यौन शोषण का शिकार होते हैं. यह भयावह काम हम पर बहुत असर डालते हैं और हमें निरुत्तर कर देते हैं." उन्होंने बताया कि ज्यादातर पीड़ित अपराधियों को जानते थे क्योंकि वे परिवार के सदस्य, दोस्त या परिचित होते हैं.

जर्मनी ने सख्त किए बाल पोर्नोग्राफी के कानून

मार्टिना लिंक ने कहा, "बढ़ती संख्या के मद्देनजर, हमने अपनी मूल्यांकन क्षमताओं को मजबूत किया है और राज्य पुलिस बलों के साथ सहयोग बढ़ाया है. हम अपने तकनीकी क्षमताओं को भी बढ़ाते रहेंगे ताकि अपराधियों की पहचान और अधिक तेजी और प्रभावी ढंग से की जा सके."

इस रिपोर्ट के आंकड़े जर्मनी में बच्चों और नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों की गंभीरता और व्यापकता को उजागर करते हैं. पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है.

बाल यौन शोषण में दूसरे देशों की स्थिति

2022 में ब्रिटेन के गैर सरकारी निगरानी संगठन आईडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन बाल यौन शोषण तस्वीरों और वीडियो के लिए जिन वेबसाइटों की जानकारी मिली थी, उनमें से एक तिहाई नीदरलैंड्स में होस्ट किए गए थे. इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका में 15 प्रतिशत और स्लोवाक गणराज्य में 12 प्रतिशत ऐसे वेबसाइट होस्ट किये गए थे.

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में लगभग पांच में से तीन (59 प्रतिशत) बच्चों के यौन शोषण की रिपोर्टें यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों की होस्टिंग सेवाओं से जुड़ी थीं. इन साइटों में से कुछ अपनी होस्टिंग सेवाओं के लिए देश बदलते रहते हैं, उन्हें हटाया ना जा सके.