के-पॉप से लेकर सेल्स गर्ल्स तक: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बना इस देश का अहम हिस्सा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

उसका चेहरा डीपफेक है. उसका शरीर समान आकार के अभिनेत्रियों की एक टीम का है. लेकिन वह गाती है, न्यूज पढ़ती है और टीवी पर लग्जरी कपड़े बेचती है. मिलिए दक्षिण कोरिया के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ह्यूमंस से.दक्षिण कोरिया के सबसे सक्रिय वर्चुअल इंसानों में से एक जाइन से मिलिए. जिसे एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी पल्स9 ने बनाया है. इस कंपनी ने कॉर्पोरेट विचारों को वास्तविकता बनाने के काम को अंजाम देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई की एक उत्कृष्ट कृति बनाई है, जो कंपनी के लिए एक आदर्श कर्मचारी है.

पल्स9 ने शिनसेगाई समेत दक्षिण कोरिया के कुछ सबसे बड़े समूहों के लिए डिजिटल ह्यूमंस तैयार किए हैं, जिनका वैश्विक बाजार 2030 तक 527 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.

एआई ह्यूमंस हर जगह

दक्षिण कोरिया में एआई संचालित रोबोट न केवल विश्वविद्यालयों में छात्रों के रूप में नामांकित हुए हैं, बल्कि प्रमुख कंपनियों में ट्रेनिंग कार्यक्रमों का हिस्सा बन गए हैं और नियमित रूप से भोजन से लेकर लग्जरी हैंडबैग तक के प्रोडक्ट्स बेचते हुए लाइव टेलीविजन शो में दिखाई देते हैं.

हालांकि पल्स9 का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है. कंपनी की प्रमुख पार्क जी-यून ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हम एआई के मानव इस्तेमाल का विस्तार करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने पर काम कर रहे हैं."

जाइन का चेहरा 'डीप लर्निंग एनालिसिस' की मदद से तैयार किया गया है. यह एक एआई तकनीक है जो कंप्यूटर को बहुत जटिल डाटा को प्रोसेस करना सिखाती है. पिछले दो दशकों में के-पॉप संगीत समूहों के कुछ चेहरों को इस पद्धति का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है.

कैसे काम करती है जाइन

पार्क ने बताया 10 से अधिक मानव एक्टर्स जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग प्रतिभाएं हैं- जैसे गाना गाना, डांस करना, एक्टिंग से लेकर रिपोर्टिंग तक जाइन को एनिमेट करने में मदद करते हैं.

समाचार एजेंसी एएफपी ने एक अभिनेत्री से मुलाकात की जो दक्षिण कोरियाई प्रसारक एसबीएस के लिए लाइव कार्यक्रम में जाइन के रूप में रिपोर्ट करने की तैयारी कर रही थी. कंपनी की नीति के कारण अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अभिनेत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि यह उन लोगों के लिए एक अच्छी प्रैक्टिस हो सकती जो सेलिब्रिटी बनना चाहते हैं और यही मुझे पसंद है."

पल्स9 के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सभी मानव कलाकारों की पहचान छुपा दी जाती हैं और उनके असली चेहरे नहीं दिखाए जाते. अपनी प्रोफाइल को निजी रखने के सख्त नियमों के बावजूद अभिनेत्री ने कहा कि एक वर्चुल व्यक्ति के रूप में काम करने से उनके लिए नए दरवाजे खुल गए हैं. अभिनेत्री ने कहा, "आम तौर पर किशोरावस्था और युवावस्था में बहुत से लोग के-पॉप के आदर्श बन जाते हैं. मैं उस उम्र को पार कर चुकी हूं, लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करने में सक्षम होना अच्छा है."

उस अभिनेत्री ने कहा, "मैं एक मर्द के रूप अभिनय की कोशिश करना पसंद करूंगी अगर मैं अपनी आवाज अच्छी तरह संभाल सकती हूं या फिर एक विदेशी के रूप में एक्टिंग करना चाहूंगी. यह कुछ ऐसा है जो मैं असल जीवन में नहीं कर सकती."

पार्क ने कहा कृत्रिम इंसान बनाने के लिए असली लोगों की जरूरत पड़ती रहेगी. उनका कहना है, "भविष्य में जब तक वास्तव में कोई मजबूत एआई नहीं बन जाती जो हर कार्य खुद कर सके तब भी इंसानों की जरूरत बनी रहेगी."

एए/सीके (एएफपी)