फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Photo Credits: ANI)
पेरिस, 17 अक्टूबर: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने पेरिस के उत्तर-पश्चिमी उपनगर में एक शिक्षक का सिर काटे जाने की घटना को 'इस्लामिक आंतकी हमला' कहा है और उन्होंने चरमपंथियों से निपटने के लिए अपनी सरकार द्वारा त्वरित और ठोस कार्रवाई किए जाने का वादा किया. मैक्रों ने हमले के कुछ घंटों बाद कॉन्फ्लैन्स-सौं-होनोरी मिडल स्कूल का दौरा करने के बाद मीडिया से कहा, "हमारे एक नागरिक की आज हत्या कर दी गई क्योंकि वह छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी सिखा रहा था."
उन्होंने कहा, "वह एक शिक्षक थे, जिन्हें आतंकवादी ने मार डाला क्योंकि वह आतंकवादी गणतंत्र को नष्ट करना चाहता था .. हमारे बच्चों को स्वतंत्र नागरिक बनाने की संभावना को नष्ट कर देना चाहता था." मैक्रों ने जोर देकर कहा कि आतंकवादी फ्रांस को विभाजित नहीं कर पाएंगे. स्थानीय मीडिया के अनुसार, पीड़ित एक 47 वर्षीय इतिहास शिक्षक हैं, जिन्होंने कथित तौर पर अपने छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे, जिन्हें मुसलमानों द्वारा ईश निंदा के रूप में माना जाता है, और एक आतंकवादी ने चाकू से उनका सिर काट दिया."
यह भी पढ़ें: Emmanuel Macron-Angela Merkel Greet With Namaste: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को झुककर किया ‘नमस्ते’, देखें वीडियो
माना जा रहा है कि संदिग्ध हमलावर 18 साल का है, जिसके बारे में ज्यादा जानकारी ज्ञात नहीं है. उसे गश्ती पुलिस ने चाकू के साथ देखा था. उसने कथित तौर पर हमले से पहले 'अल्लाहु अकबर', या कगॉड इज ग्रेटेस्टत चिल्लाया. आत्मसमर्पण करने से इनकार करने पर अधिकारियों ने उस पर गोली चला दी, जिससे वह मारा गया.
शिक्षा मंत्री जीन-मिशेल ब्लैंकर (Education Minister) ने ट्वीट किया, "आज रात, यह गणतंत्र है जिसके सेवक, एक शिक्षक की हत्या के साथ उस पर (गणतंत्र) हमला हुआ है." उन्होंने कहा कि एकता और ²ढ़ता ही इस्लामिक आतंकवाद की संकीर्णता का जवाब है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भी इस घटना की निंदा की है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Photo Credits: ANI)
पेरिस, 17 अक्टूबर: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने पेरिस के उत्तर-पश्चिमी उपनगर में एक शिक्षक का सिर काटे जाने की घटना को 'इस्लामिक आंतकी हमला' कहा है और उन्होंने चरमपंथियों से निपटने के लिए अपनी सरकार द्वारा त्वरित और ठोस कार्रवाई किए जाने का वादा किया. मैक्रों ने हमले के कुछ घंटों बाद कॉन्फ्लैन्स-सौं-होनोरी मिडल स्कूल का दौरा करने के बाद मीडिया से कहा, "हमारे एक नागरिक की आज हत्या कर दी गई क्योंकि वह छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी सिखा रहा था."
उन्होंने कहा, "वह एक शिक्षक थे, जिन्हें आतंकवादी ने मार डाला क्योंकि वह आतंकवादी गणतंत्र को नष्ट करना चाहता था .. हमारे बच्चों को स्वतंत्र नागरिक बनाने की संभावना को नष्ट कर देना चाहता था." मैक्रों ने जोर देकर कहा कि आतंकवादी फ्रांस को विभाजित नहीं कर पाएंगे. स्थानीय मीडिया के अनुसार, पीड़ित एक 47 वर्षीय इतिहास शिक्षक हैं, जिन्होंने कथित तौर पर अपने छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे, जिन्हें मुसलमानों द्वारा ईश निंदा के रूप में माना जाता है, और एक आतंकवादी ने चाकू से उनका सिर काट दिया."
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माना जा रहा है कि संदिग्ध हमलावर 18 साल का है, जिसके बारे में ज्यादा जानकारी ज्ञात नहीं है. उसे गश्ती पुलिस ने चाकू के साथ देखा था. उसने कथित तौर पर हमले से पहले 'अल्लाहु अकबर', या कगॉड इज ग्रेटेस्टत चिल्लाया. आत्मसमर्पण करने से इनकार करने पर अधिकारियों ने उस पर गोली चला दी, जिससे वह मारा गया.
शिक्षा मंत्री जीन-मिशेल ब्लैंकर (Education Minister) ने ट्वीट किया, "आज रात, यह गणतंत्र है जिसके सेवक, एक शिक्षक की हत्या के साथ उस पर (गणतंत्र) हमला हुआ है." उन्होंने कहा कि एकता और ²ढ़ता ही इस्लामिक आतंकवाद की संकीर्णता का जवाब है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भी इस घटना की निंदा की है.