Farmers Protest: कनाडा में भारतीय मूल के लोगों ने किया प्रदर्शन, बोले- भारत में खालिस्तानी आंदोलन में तब्दील हो गया है किसान आंदोलन
भारत में चल रहे किसान आंदोलन के बीच कनाडा में भारतीय मूल के लोगों ने भी प्रदर्शन किया है और इसमें शामिल लोगों का कहना है कि भारत में किसान आंदोलन अब खालिस्तानी आंदोलन में तब्दील हो गया है, जो अब हिंदू दिखाई देने वाले अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है, जो अब हिंदू दिखाई देने वाले अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है.
Farmers Protest: भारत में कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सुर्खियां बटोर रहा है. दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर किसान आंदोलन को करीब तीन महीने हो गए हैं और हजारों की तादात में किसान आंदोलन में डटे हुए हैं. किसान आंदोलन के बीच बार-बार खालिस्तान (Khalistan) का जिक्र भी हो रहा है. भारत में चल रहे किसान आंदोलन के बीच कनाडा (Canada) में भारतीय मूल के लोगों ने भी प्रदर्शन किया है और इसमें शामिल लोगों का कहना है कि भारत में किसान आंदोलन अब खालिस्तानी आंदोलन (Khalistani Movement) में तब्दील हो गया है, जो अब हिंदू दिखाई देने वाले अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है.
कनाडा में ग्रेटर वैंकूवर के बर्नबी एनडीपी सांसद जगमीत सिंह के कार्यालय के बाहर भारतीय मूल के कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन के विरोध में उन्हें खालिस्तानी समर्थकों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. सांसद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम किसानों के आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह आंदोलन वास्तव में खालिस्तानी आंदोलन में बदल गया है, जो अब हिंदू दिखाई देने वाले अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है. यह भी पढ़ें: Farmers Protest: किसान आंदोलन के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय निवासियों का प्रदर्शन, हाइवे खाली करने की मांग की- VIDEO
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गौरतलब है कि किसान लगातार सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन के दौरान कथित तौर पर खालिस्तानी कट्टरपंथी जनरैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर को लहराते हुए देखा गया था और खालिस्तान के पक्ष में नारेबाजी जैसी घटना भी सामने आ चुकी है. ऐसे में किसान आंदोलन के बीच खालिस्तान का जिक्र बार-बार होने लगा. दरअसल, साल 1947 में अंग्रेज भारत को दो देशों में बांटने की योजना बना रहे थे, उसी दौरान कुछ सिख नेताओं ने अपने लिए अलग देश खालिस्तान बनाने की मांग की थी. खालिस्तान को लेकर आजादी के बाद हिंसक आंदोलन भी चलाया गया, जिसमें कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी.