इक्वाडोर: राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने असांजे की शरण वापस लेने के अपने फैसले का किया बचाव

इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो (Lenín Moreno) ने जूलियन असांजे को शरण देने के अपने फैसले को पलटने के हालिया कदम का बचाव करते हुए कहा कि विकीलीक्स के संस्थापक ने इक्वाडोर के लंदन दूतावास में ‘जासूसी केंद्र’ स्थापित करने की कोशिश की थी...

राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो (Photo Credit- Getty Image)

लंदन:  इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो (Lenín Moreno) ने जूलियन असांजे को शरण देने के अपने फैसले को पलटने के हालिया कदम का बचाव करते हुए कहा कि विकीलीक्स के संस्थापक ने इक्वाडोर के लंदन दूतावास में ‘जासूसी केंद्र’ स्थापित करने की कोशिश की थी. राष्ट्रपति ने यह बात ‘द गार्जियन’ समाचारपत्र के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कही.

मोरेनो ने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे क्षेत्र से और पूर्व सरकार के अधिकारियों की इजाजत से इक्वाडोर दूतावास में दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए सुविधाएं मुहैया कराई गईं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने घर का इस्तेमाल जासूसी केंद्र बनाने के लिए नहीं होने दे सकते हैं.’’

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राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमारा फैसला स्वेच्छाचारी नहीं है, यह अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित है.’’ विकीलीक्स के संस्थापक असांजे लंदन में हिरासत में हैं. उन पर 2012 में ब्रिटेन में मिली जमानत का दुरुपयोग करके इक्वाडोर के दूतावास में शरण लेने का आरोप है और इस मामले में वह सजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं. ब्रिटेन से स्वीडन प्रत्यर्पित किए जाने के भय से उन्होंने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी.

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