मालदीव एक बार फिर से पानी की किल्लत का सामना कर रहा है. स्थिति ये है कि मालदीव को इस बार भी मदद के लिए चीन का हाथ थामना पड़ा. इसके बाद अब चीन ने मालदीव को 1500 टन पीने का पानी भेजा है. दिलचस्प बात ये है कि ये पानी तिब्बत के ग्लेशियर का जमा हुआ पानी है.
रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव का कहना है कि उन्हें चीन से 1500 टन पीने का पानी का एक जहाज का माल प्राप्त हुआ है. ये मदद मालदीव को पिछले साल नवंबर में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन यान जिन्हाई की माले यात्रा के दौरान हुई सहमति के बाद की गई है. इस दौरान जिन्हाई की मुलाकात मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ु से हुई थी. उसी वक्त मुइज़ु ने उन्हें देश में गंभीर होती जा रही पानी की किल्लत से अवगत कराया था.
ग्लेशियर का पानी
ग्लेशियर का पानी बेहद साफ और मिनरल्स से भरपूर होता है. तिब्बत का शिगात्से स्वायत्त क्षेत्र हाई क्वालिटी पानी के लिए जाना जाता है.
ये पहली बार नहीं है कि चीन ने अपने दोस्त मालदीव की मदद की है. इससे पहले चीन और मालदीव के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत चीन मालदीव को आधुनिक सैन्य उपकरण और सैन्य मदद दे रहा है. दरअसल, चीन और मालदीव के बीच दो सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे. इन समझौतों को इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के अंतिम अध्याय के रूप में वर्णित किया जा रहा है.
इसके अलावा चीन के शोध जहाज शियांग यांग होंग-3 को लेकर भी एक समझौता हुआ है. ये जहाज हाल ही में मालदीव पहुंचा था. इसे चीन का जासूसी जहाज भी कहा जाता था. दोनों देशों के बीच इस समझौते से हिंद महासागर क्षेत्र में होने वाले समुद्री शोध पर असर पड़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ भारत द्वारा मालदीव के बहिष्कार के बाद मुइज़ु ने चीन से देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी मदद मांगी थी.
2014 में भी मालदीव इसी तरह की पानी की किल्लत का सामना कर रहा था. उस वक्त मालदीव ने भारत से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद 12 घंटे के अंदर ही भारतीय वायुसेना के विमानों से 375 टन पीने वाले पानी की पहली खेप माले पहुंच गई थी. इसके बाद नेवी के जहाज आईएनएस दीपक और आईएनएस सुकन्या से भी 2000 टन अतिरिक्त पानी पहुंचाया गया था.
भारत और मालदीव के बीच तनाव
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के 3 मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के दौरे पर चले गए थे. इस दौरे से लौटने पर मुइज्जू ने लगातार भारत पर निशाना साधा था.