Indian Tourist in Maldives 2025: क्या भारतीय पर्यटक मालदीव लौटेंगे? पीएम मोदी के दौरे से खुल सकते हैं रास्ते

PM Modi Maldives Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय मालदीव के दौरे पर हैं. उनका यह दौरा इस साल बहुत खास है. एक तो वह मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं. दूसरा, यह दौरा दोनों देशों के बीच ठंडे पड़े रिश्तों में एक नया जोश ला सकता है.

खराब रिश्तों से गर्मजोशी तक का सफर

साल 2023 में जब मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने, तो उनका चुनाव 'इंडिया आउट' अभियान पर आधारित था. इस अभियान का मकसद मालदीव में भारत के प्रभाव को कम करना था. लेकिन सरकार में आने के बाद मुइज्जू के तेवर धीरे-धीरे बदलने लगे. इसका पहला संकेत दुबई में हुए UN COP28 क्लाइमेट समिट में मिला, जहाँ उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. इसी मुलाकात ने इस मौजूदा दौरे की नींव रखी, जो शायद भारत-मालदीव रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है. लेकिन कूटनीति से पहले, एक छोटे से ट्विटर विवाद ने मालदीव के टूरिज्म को लगभग 42% तक गिरा दिया था.

#BoycottMaldives की पूरी कहानी

यह सब जनवरी 2024 में पीएम मोदी के लक्षद्वीप को लेकर किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ. पीएम ने भारतीयों को 'देखो अपना देश' के तहत भारत के खूबसूरत द्वीपों पर घूमने के लिए प्रोत्साहित किया. लेकिन यह बात कुछ मालदीवी अधिकारियों को पसंद नहीं आई और उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दीं, जिससे विवाद खड़ा हो गया.

इसके जवाब में भारतीयों ने #BoycottMaldives और #VisitLakshadweep जैसे हैशटैग चलाना शुरू कर दिया. जल्द ही यह बॉयकॉट सिर्फ ऑनलाइन नहीं रहा.

  • EaseMyTrip: इस कंपनी ने "राष्ट्र के साथ एकजुटता" दिखाते हुए मालदीव की सभी फ्लाइट बुकिंग सस्पेंड कर दी.
  • MakeMyTrip: इस प्लेटफॉर्म पर लक्षद्वीप के लिए सर्च में 3,400% की भारी बढ़ोतरी देखी गई और कंपनी ने "Beaches of India" कैंपेन शुरू कर दिया.
  • Ixigo: इस ट्रैवल एजेंसी ने भी लक्षद्वीप से जुड़ी सर्च में 2,900% की बढ़ोतरी दर्ज की.

इतना ही नहीं, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) ने भी ट्रैवल एजेंट्स से मालदीव की जगह लक्षद्वीप और अंडमान जैसी जगहों को प्रमोट करने की अपील की. इस ऑनलाइन गुस्से का असर वहां हुआ, जहां सबसे ज्यादा दर्द होता है - यानी टूरिज्म पर.

 

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भारतीय पर्यटकों के बीच मालदीव ने अपनी चमक खो दी

दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 में मालदीव आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई. जो भारत कुछ साल पहले तक मालदीव के लिए टॉप टूरिस्ट सोर्स था, वो अब पांचवें नंबर पर खिसक गया है.

आइए आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं:

  • 2022: 2,41,382 भारतीय मालदीव गए (अब तक का सबसे ज़्यादा).
  • 2023: 2,09,193 भारतीय मालदीव गए.
  • 2024: #BoycottMaldives ट्रेंड के बाद यह आंकड़ा गिरकर सिर्फ 63,450 रह गया.
  • 2025*: अनुमान है कि यह संख्या बढ़कर 1,15,768 तक पहुंच सकती है, लेकिन यह भी पुराने रिकॉर्ड से काफी कम है.

हालांकि, अब पीएम मोदी के दौरे और दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की कोशिशों से उम्मीद की एक किरण जगी है. मालदीव का पर्यटन मंत्रालय फिर से भारतीय पर्यटकों को लुभाने की कोशिश कर रहा है. दिसंबर 2024 में एयर इंडिया ने मुंबई और दिल्ली से मालदीव के लिए सीधी उड़ानें भी शुरू कर दी हैं. ट्रैवल कंपनियां भी 3 रात रुकने के लिए 38,000 रुपये जैसे पैकेज फिर से ऑफर कर रही हैं.

आखिर मालदीव भारतीयों के बीच इतना हिट क्यों हुआ था?

पिछले कुछ सालों में मालदीव सिर्फ हनीमून डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया था. इसके पीछे कुछ बड़ी वजहें थीं:

  1. बॉलीवुड का प्यार: जब करीना कपूर खान, आलिया भट्ट और टाइगर श्रॉफ जैसे सितारे अपनी मालदीव की छुट्टीयों की ग्लैमरस तस्वीरें डालने लगे, तो यह जगह सबकी नजरों में आ गई. एक विलेन और राम सेतु जैसी फिल्मों की शूटिंग भी यहां हुई.
  2. इंस्टाग्राम फैक्टर: पानी के ऊपर बने विला, नीले समुद्र और शानदार नज़ारे, मालदीव की हर फोटो इंस्टाग्राम पर वायरल होने लायक होती है.
  3. आसान यात्रा: दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से सीधी फ्लाइट और लगभग 20,000 रुपये में आने-जाने का टिकट, इसने मालदीव जाना बहुत आसान बना दिया.
  4. वीजा-फ्री एंट्री: भारतीयों के लिए वीजा-फ्री एंट्री और कोरोना महामारी के दौरान भी खुले रहने की वजह से यह एक सुरक्षित और पसंदीदा डेस्टिनेशन बन गया.

तो सवाल यह है कि क्या भारतीय पर्यटकों का मालदीव से मोहभंग हो गया है? या पीएम मोदी का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों और मालदीव के टूरिज्म में एक नया अध्याय शुरू करेगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.