Blackout in Cuba: पूरे देश में छाया अंधेरा! क्यूबा में बिजली संकट, ब्लैकआउट से जूझ रही 11 मिलियन की आबादी

क्यूबा में एक गंभीर बिजली संकट ने पूरे देश को प्रभावित कर दिया है. हाल ही में, क्यूबा के सबसे बड़े बिजली संयंत्र के विफल होने के कारण पूरे देश में ब्लैकआउट हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप देश की 11 मिलियन की आबादी को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ब्लैकआउट का कारण 

क्यूबा की राजधानी हवाना में स्थिति काफी गंभीर हो गई है. स्कूल बंद हो गए हैं, सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया है और ट्रैफिक लाइट भी काम नहीं कर रही हैं. ऊर्जा मंत्रालय के बिजली आपूर्ति प्रमुख लजारा गुएरा ने बताया कि बिजली बहाल करने की प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है. उन्होंने कहा, "वर्तमान में, हमारे पास कुछ स्तर की बिजली उत्पादन है जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली संयंत्रों को चालू करने के लिए उपयोग की जाएगी."

गुएरा ने बताया कि बिजली प्रणाली का विफल होना एंटोनियो गुइटेरस पावर प्लांट के अचानक बंद होने के कारण हुआ, जो कि क्यूबा के आठ पुरानी कोयला से चलने वाले बिजली संयंत्रों में सबसे बड़ा है.

संकट की बढ़ती गंभीरता 

क्यूबा में पहले से ही बिजली की आपूर्ति में कमी थी, जो कुछ प्रांतों में 20 घंटे प्रति दिन तक पहुँच रही थी. प्रधानमंत्री मैनुअल मारेरो ने पिछले दिन "ऊर्जा आपातकाल" की घोषणा की थी. इसके बाद सरकार ने सभी गैर-आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं को निलंबित कर दिया ताकि घरों में बिजली की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा सके.

अब पूरे देश में स्कूल सोमवार तक बंद रहेंगे. हवाना में अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल और अन्य आवश्यक सुविधाएं, जो जनरेटर से संचालित होती हैं, खुली रहेंगी.

नागरिकों की प्रतिक्रियाएं

80 वर्षीय रिटायर्ड नागरिक एलोई फॉन ने बताया, "यह पागलपन है. यह हमारी बिजली प्रणाली की नाजुकता को दर्शाता है... हमारे पास कोई रिजर्व नहीं है, हमारे पास कुछ भी नहीं है, हम दिन-ब-दिन जी रहे हैं."

47 वर्षीय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर बारबरा लोपेज ने कहा कि वह पिछले दो दिनों से काम नहीं कर पाई हैं. उन्होंने कहा, "यह 47 साल में मैंने जो देखा है, उससे भी बदतर है. वे सच में गलत कर रहे हैं... हमारे पास न तो बिजली है और न ही मोबाइल डेटा."

आर्थिक स्थिति और आगे की चुनौतियां 

क्यूबा की सरकार ने कहा है कि वे "आराम नहीं करेंगे" जब तक बिजली वापस नहीं आ जाती. राष्ट्रपति मिगेल डियाज़-कैनेल ने कहा कि क्यूबा को अपने बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और इसका श्रेय पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तहत लागू किए गए अमेरिकी व्यापार प्रतिबंधों को दिया गया है.

क्यूबा अब अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जो कि सोवियत संघ के पतन के बाद का सबसे बड़ा संकट है. इसके परिणामस्वरूप, नागरिकों को खाद्य, औषधि, ईंधन और पानी जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

क्यूबा की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बहुत से क्यूबाई लोग प्रवास कर रहे हैं. जनवरी 2022 से अगस्त 2024 के बीच, 700,000 से अधिक लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं.

क्यूबा की सरकार इस संकट को हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन समस्या जटिल और गहरी है. बिजली संकट केवल तकनीकी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक आर्थिक और राजनीतिक समस्या का प्रतीक है. क्यूबा के नागरिकों को इस संकट से निपटने के लिए धैर्य और सहनशीलता की आवश्यकता है.