COVID-19 Vaccine Updates: ब्रिटेन ने Pfizer कोरोना वैक्सीन को दी हरी झंडी, अगले हफ्ते से शुरू होगा इस्तेमाल

ब्रिटेन (Britain) सरकार ने बुधवार को फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) कोविड-19 (COVID-19) वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. ब्रिटेन में अगले सप्ताह की शुरुआत से इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा.

वैक्सीन (Photo Credits: PTI)

लंदन: ब्रिटेन (Britain) सरकार ने बुधवार को फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) कोविड-19 (COVID-19) वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. ब्रिटेन में अगले सप्ताह की शुरुआत से इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा. इंग्लैंड में कोविड-19 वैक्सीन के विकास, निर्माण और वितरण के लिए एक नए स्वास्थ्य मंत्री नादिम जहावी की नियुक्त की गई है. अभी तक ब्रिटेन की सरकार ने ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के 10 करोड़ डोज, फाइजर-बायोएनटेक के 4 करोड़ और यूएस फर्म मॉडर्न से 50 लाख डोज के ऑर्डर दे चुकी है. Corona Vaccine: क्या कोरोना का वैक्सीन आने पर सभी को लगेगा टीका? स्वास्थ्य मंत्रालय बोला- सरकार ने ऐसा कभी नहीं कहा

फाइजर नाम की दवाईयां बनाने वाली कंपनी ने हाल ही में ये ऐलान किया है कि वो लैब में कोविड-19 यानी कोरोना की ऐसी वैक्सीन बनाने में सफल हुई है जो कि वायरस के सामने 96 फीसदी असरदार है. जहां कई देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, वहां एक असरदार वैक्सीन यानी टीके की खोज कर पाने की चिंता हर दिन बड़ी होती जा रही है. 14 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और अब भी ये सिलसिला जारी है यानी कोरोना की मार बहुत बुरी है.

वर्तमान में फाइजर की वैक्सीन टेस्टिंग के तीसरे पड़ाव में है यानी इसे दुनियाभर में हजारों स्वयंसेवकों पर टेस्ट किया जा रहा है. पारंपरिक टीकों से अलग, फाइजर वैक्सीन एक नई जेनेटिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है जो कि विज्ञान में सबसे आगे है. दरअसल, एमआरएनए वैक्सीन खास होती है. सिंथेटिक एमआरएनए के इस्तेमाल से इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है और वायरस से लड़ता है. पारंपरिक रूप से, वैक्सीन बीमारी फैलाने वाले जीवाणु का एक छोटा हिस्सा इंसान के शरीर में डालती हैं. लेकिन एमआरएनए वैक्सीन हमारे शरीर से ट्रिक या यूं कहें कि चालाकी से अपने आप कुछ वायरल प्रोटीन बनवाती है.

अब तक में वैक्सीन को साढ़े 43 हजार लोगों पर टेस्ट किया जा चुका है. इसमें तीन हफ्तों के अंतर में, दो खुराक देनी होती हैं. फाइजर का कहना है कि ये साल खत्म होने के पहले 5 करोड़ खुराकें तैयार की जा सकती हैं, और उनका मानना है कि साल 2021 में और 1.3 अरब खुराकें तैयार हो जाएंगी.

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