San Jose Galleon Treasure: कोलंबिया की सरकार ने कैरेबियन सागर में 315 साल पहले हुई एक जहाज़ दुर्घटना को लेकर बड़ा फैसला किया है. इस जहाज को अब 3 सदी बाद बाहर निकाला जाएगा. माना जाता है कि डूबा हुआ जहाज सैन जोस 200 टन के आश्चर्यजनक खजाने से भरा हुआ था, जिसकी कीमत लगभग 1.66 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें कीमती सोना और चांदी भी शामिल था. वर्ष 1708 में यह राजा फिलिप पंचम के बेड़े का हिस्सा था.
जंग के दौरान ब्रिटिश नेवी के हमले में यह जहाज डूब गया था. तब 600 लोगों में से सिर्फ 11 लोग ही जिंदा बच पाए थे. 2015 में कोलंबियाई नेवी के डाइवर्स को जहाज का मलबा पानी में 31 हजार फीट नीचे मिला था. तब इस खोज को कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस ने मानव इतिहास में मिला सबसे कीमती खजाना बताया था. इंसानी दिमाग में लगेगी Elon Musk की चिप Neuralink, हजारों लोग तैयार, अमेरिका ने दी मंजूरी
सैन होजे को जहाज के मलबे को पवित्र कब्र भी माना जाता है. इस जहाज के मलबे को लेकर स्पेन, कोलंबिया और बोलीविया के कहारा कहारा समुदाय के लोगों में विवाद है. बोलीवियाई समुदाय का दावा है कि उनके लोगों को खजाने के खनन के लिए मजबूर किया गया था। इसलिए इस खजाने पर उनका हक होना चाहिए.
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वहीं ग्लोका मोरा नाम के एक अमेरिकी बचाव संघ ने भी 1981 में इस जहाज ढूंढने का दावा किया था. ग्लोका मोरा ने बताया कि उसने कोलंबियाई सरकार को इस शर्त पर मलबे की लोकेशन बताई थी कि आधा खजाना संघ को दिया जाएगा.
हालांकि, कोलंबिया ने 2015 में घोषणा की थी कि उसकी नौसेना ने स्वतंत्र रूप से एक अलग स्थान पर मलबे को फिर से खोजा था. राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने 2026 में अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले अवशेषों को पुनर्प्राप्त करने का इरादा व्यक्त किया है.
पेट्रो सरकार जहाज़ के मलबे की पुनर्प्राप्ति, सफाई और आगे की जांच के लिए एक समर्पित प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रही है. इसके बाद, ऐतिहासिक खजाने को राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा.
असंख्य समुद्री जीवों के बीच, गोताखोरों ने जहाज़ के मलबे के स्थान पर सोने के सिक्के, सिल्लियां, ईंटें और यहां तक कि चीनी बर्तन भी देखे. विशेष रूप से उल्लेखनीय डॉल्फ़िन रूपांकनों से उभरी हुई तोपें थीं, जिन्होंने मलबे की पहचान की पुष्टि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.