क्या रोबोट से जन्म ले सकता है बच्चा? चीन की कंपनी का चौंकाने वाला दावा
यह कृत्रिम गर्भ एक इंसानी गर्भाशय (Uterus) का माहौल तैयार करेगा. भ्रूण एक कृत्रिम द्रव (Synthetic Amniotic Fluid) में तैरेगा और नाल जैसी ट्यूब से पोषण और ऑक्सीजन प्राप्त करेगा. यह तकनीक 2017 में अमेरिका में भेड़ के बच्चों पर किए गए सफल प्रयोगों पर आधारित है.
कल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया की, जहां बच्चे इंसान की कोख से नहीं, बल्कि मशीन से जन्म लें. यह भविष्य अब बहुत दूर नहीं हो सकता. चीन के वैज्ञानिक दुनिया का पहला “गर्भधारण करने वाला रोबोट” (Gestation Robot) बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट काईवा टेक्नोलॉजी (Kaiwa Technology) नामक कंपनी बना रही है, जिसका नेतृत्व वैज्ञानिक डॉ. झांग चिफेंग कर रहे हैं. हाल ही में बीजिंग में हुए वर्ल्ड रोबोट कॉन्फ्रेंस 2025 में डॉ. झांग ने बताया कि तकनीक अब लगभग तैयार है और इसे रोबोट के पेट में इंटीग्रेट किया जाएगा, ताकि गर्भ में भ्रूण विकसित हो सके.
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महिला की कोख के बिना गर्भ
यह कृत्रिम गर्भ एक इंसानी गर्भाशय (Uterus) का माहौल तैयार करेगा. भ्रूण एक कृत्रिम द्रव (Synthetic Amniotic Fluid) में तैरेगा और नाल जैसी ट्यूब से पोषण और ऑक्सीजन प्राप्त करेगा. यह तकनीक 2017 में अमेरिका में भेड़ के बच्चों पर किए गए सफल प्रयोगों पर आधारित है.
आविष्कार से किसे मिलेगा फायदा
इस आविष्कार से दुनिया भर के उन 15% दंपतियों को उम्मीद मिल सकती है जो बांझपन (Infertility) से जूझ रहे हैं. साथ ही, उन महिलाओं के लिए भी यह उपयोगी साबित हो सकता है जो किसी कारण गर्भधारण नहीं कर सकतीं या गर्भावस्था से जुड़े जोखिम उठाना नहीं चाहतीं.
उठ रहे हैं बड़े सवाल
हालांकि, यह खोज केवल उम्मीद ही नहीं, बल्कि कई सवाल भी खड़ी कर रही है. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर रोबोट से बच्चे हो भी गए तो यह कैसे होंगे? क्या रोबोट से जन्मा बच्चा माता-पिता से भावनात्मक जुड़ाव महसूस कर पाएगा? रोबोट के लिए अंडाणु और शुक्राणु कहां से आएंगे? और मशीन से जन्मे बच्चे पर मानसिक प्रभाव क्या होगा?
चीन बनाने वाला है कानून तैयारी
इन सवालों को देखते हुए, ग्वांगडोंग प्रांत की सरकार पहले से ही नीतियां और कानून तैयार करने में जुट गई है. इसमें माता-पिता की परिभाषा, सरोगेसी का नियम और मशीन से जन्मे बच्चों के अधिकारों पर विचार किया जा रहा है. कुछ वैज्ञानिक इसे इंसानियत की सबसे बड़ी क्रांति मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे एक डरावने भविष्य की शुरुआत बताते हैं.