America:  बाइडन प्रशासन ने ऊर्जा विभाग में अहम पदों पर भारतवंशियों की नियुक्ति की
जो बाइडन (Photo Credits: Getty Images)

वाशिंगटन, 25 जनवरी : अमेरिका में बाइडन प्रशासन ने ऊर्जा विभाग में अहम पदों पर चार भारतवंशियों को नियुक्त किया है. प्रशासन ने चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर तारक शाह को नियुक्त किया है. शाह इस पद पर पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले अमेरिकी बन गये हैं. तान्या दास को विज्ञान से जुड़े मामलों के विभाग ‘ऑफिस ऑफ साइंस’ की चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया है, नारायण सुब्रमण्यम ‘ऑफिस ऑफ जनरल काउंसेल’ में विधिक सलाहकार के पद पर नियुक्त हुए हैं और शुचि तलाती जीवाश्म ऊर्जा से संबंधित विभाग ‘ऑफिस ऑफ फॉसिल एनर्जी’ में चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त की गई हैं.

ऊर्जा विभाग में वरिष्ठ स्तर पर 19 अधिकारियों की नियुक्ति की घोषणा के बाद शाह ने कहा, ‘‘ये प्रतिभावान एवं कुशल लोक सेवक राष्ट्रपति जो बाइडन के जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने एवं भविष्य में एक बेहतर स्वच्छ ऊर्जा के निर्माण के लक्ष्य को पूरा करेंगे. शाह ने कहा, ‘‘अपने मार्गदर्शन, व्यापक अनुभव एवं वैज्ञानिक तरीकों का पालन कर ऊर्जा विभाग में नियुक्त हुए ये नए लोग स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान करेंगे, जिससे लाखों अमेरिकियों के लिए रोजगार पैदा होंगे और भविष्य की पीढ़ी के लिए एक बेहतर एवं सुरक्षित धरती के निर्माण में योगदान मिलेगा.’’ इसके अलावा डेविड जी हुइजेंगा ऊर्जा विभाग में कार्यवाहक सचिव के तौर पर सेवा देंगे. हाल में वह राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन में सहायक प्रधान उप प्रशासक के पद पर थे तथा वह 1987 से ही विभाग से जुड़े थे. यह भी पढ़ें : विदेश की खबरें | बाइडन ने मैक्रों से की बातचीत, अमेरिका-फ्रांस के संबंधों को मजबूत करने पर दिया जोर

तारक शाह ऊर्जा नीति विशेषज्ञ हैं और उन्होंने पिछले दशक में जलवायु परिवर्तन से निपटने पर काम किया है. तान्या दास हाल में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में विज्ञान, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी मामलों की कमेटी की पेशेवर सदस्य थीं. इस दौरान उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा और निर्माण नीति से संबंधित कई मुद्दों पर काम किया. नारायण सुब्रमण्यम बर्कले लॉ में सेंटर फॉर लॉ, एनर्जी एंड एनवायरनमेंट में अतिथि अनुसंधान विशेषज्ञ थे. वहीं, शुचि तलाती कार्बन 180 में वरिष्ठ नीति सलाहकार थीं. उन्होंने कार्बन हटाने के लिए टिकाऊ एवं उचित प्रौद्योगिकी के निर्माण से संबंधित नीतियों पर फोकस किया.