नई दिल्ली, 24 सितम्बर: पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (hina) बिजली क्षेत्र के अनुबंधों से संबंधित टैरिफ और कर नीतियों को अपरिवर्तित रखने और 14 जुलाई को दासू में बस दुर्घटना के हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने पर सहमत हुए हैं. डॉन न्यूज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली. जेसीसी की बैठक के बाद गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, योजना और विकास मंत्री असद उमर ने कहा कि दोनों पक्ष न केवल सीपीईसी परियोजनाओं के लिए बल्कि चीन के लिए भी बढ़ी हुई सुरक्षा की आवश्यकता और महत्व पर सहमत हुए हैं. यह भी पढ़े: J-K: पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश सांसद नाज शाह ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने कर दी बोलती बंद
डॉन न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पक्ष 'जघन्य अपराध के दोषियों को गिरफ्तार करने और अदालतों द्वारा उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाने' पर सहमत हुए. उमर ने कहा कि चीनी पक्ष ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया और पाकिस्तानी पक्ष इस बात पर सहमत हुआ कि आर्थिक सहयोग का दायरा बढ़ रहा है, निवेश बढ़ रहा है और चीनी कामगार सीपीईसी के बाहर भी कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, और इसलिए सुरक्षा को बढ़ाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि दसू जलविद्युत परियोजना पर काम अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन यह सीपीईसी का हिस्सा नहीं है. पाकिस्तान स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के लिए टैरिफ ढांचे में बदलाव की मांग कर रहा है ताकि सकरुलर ऋण दबाव को दूर करने के लिए अन्य आईपीपी से प्राप्त टैरिफ छूट के अनुरूप वित्तीय बोझ कम किया जा सके.