बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में, दुर्गा पूजा और दशहरा के पावन पर्व के दौरान, हिंदू समुदाय को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस साल, बांग्लादेश के विभिन्न इलाकों में 35 से ज्यादा अप्रिय घटनाएं सामने आई हैं, जो धार्मिक सहिष्णुता के लिए गंभीर खतरा बन गई हैं.
इस्लामिक क्रांति का आह्वान
दशहरा के दौरान बांग्लादेश में धार्मिक जश्न मनाने के लिए हिंदू समुदाय ने तैयारियां की थीं, लेकिन हालात ने ऐसा करने में मुश्किलें खड़ी कर दीं. हाल ही में चटगांव में कुछ कट्टरपंथियों ने एक पूजा मंडप में इस्लामिक क्रांति का आह्वान करते हुए गीत गाए, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया. यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे और भी तनाव बढ़ा. स्थानीय प्रशासन ने इन घटनाओं के बाद 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई मामले दर्ज किए गए हैं.
Jihadis are singing Islami jihadi songs in Durga puja pandel in Chittagong Bangladesh. What if Hindus sing hare ram hare krishna during Namaz inside mosques? pic.twitter.com/Lm0UFzflOR
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 10, 2024
काली माता का मुकुट चोरी
दशहरा के त्योहार से पहले, बांग्लादेश के सतीखिरा स्थित जेशोरेश्वरी मंदिर से मां काली का एक सोने का मुकुट चोरी हो गया. यह मुकुट भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान इस मंदिर को उपहार में दिया था. इस चोरी के बाद, हिंदू समुदाय में असुरक्षा और चिंता बढ़ गई है. बांग्लादेश पुलिस ने इस मामले में एक संदिग्ध की पहचान की है और चोर को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया है.
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स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के नेता कृष्ण मुखर्जी ने कहा, "हम दशहरा को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहते थे, लेकिन इन घटनाओं ने हमें चिंतित कर दिया है. हमें न्याय चाहिए और हम चाहते हैं कि इन मामलों की गहन जांच की जाए."
प्रशासन की कार्रवाई
बांग्लादेश के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) ने कहा है कि देश में 32,000 से अधिक पूजा मंडप हैं और पुलिस को इन घटनाओं में शामिल लोगों की पूरी जानकारी है. उन्होंने कहा, "जो लोग दुर्गा पूजा के दौरान अराजकता फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें हम न्याय के कटघरे में लाएंगे."
धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता
बांग्लादेश में हालात इतने खराब हैं कि हिंदुओं को दशहरा मनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दशहरा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, और यह खुशी का समय होता है. लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों ने इस पावन अवसर को दुभर बना दिया है. यह समय है कि स्थानीय प्रशासन और समुदाय मिलकर काम करें ताकि सभी धर्मों के लोग शांति और सद्भावना के साथ त्योहार मना सकें.