अमेरिका के साथ समझौता नहीं करना ईरान की मूर्खता होगी : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

जी 20 सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि, वह ऐसे देश में हैं जो आर्थिक संकट झेल रहा है. उसके बाद कहा कि बराक ओबामा द्वारा किए गए 2015 परमाणु समझौते के स्थान पर अगर ईरान के नेता वॉशिंगटन के साथ एक नया समझौता नहीं करते तो यह उनका 'स्वार्थ और मूर्खता' होगी.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo Credit- IANS)

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) द्वारा किए गए 2015 परमाणु समझौते के स्थान पर अगर ईरान के नेता वॉशिंगटन के साथ एक नया समझौता नहीं करते तो यह उनका 'स्वार्थ और मूर्खता' होगी. बुधवार को जापान में होने वाले जी 20 सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, "वह ऐसे देश में हैं जो आर्थिक संकट झेल रहा है.

यह एक आर्थिक आपदा है, जिसका समाधान या तो वह अभी कर सकते हैं, या फिर आज से 10 साल बाद करेंगे. और मेरे पास पूरा समय है. इस बीच उन्हें कड़े प्रतिबंध झेलने पड़ेंगे."

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एफे न्यूज की र्पिोट के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि वह पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि ईरानी नेताओं को अपने देश के लोगों की चिंता है या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर ईरान के नेताओं को अपने देशवासियों की चिंता है तो वह ट्रंप प्रशासन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो वह 'स्वार्थी और मूर्ख' हैं.

ट्रंप ने कहा कि तेहरान और वॉशिंगटन के बीच समझौता होगा या नहीं, यह तो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई और उनकी सरकार पर निर्भर करता है. ट्रंप ने बुधवार को यह भी कहा कि वह ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत होती है तो "वह बहुत लंबा नहीं चलेगा".

वहीं वॉशिंटगन द्वारा उठाए गए कदमों पर खमनेई ने कहा कि अमेरिका द्वारा दिया गया बातचीत का प्रस्ताव भ्रामक है और हमारा देश ट्रंप की धमकियों के आगे नहीं झुकेगा. खमनेई ने यह भी कहा कि बाहरी दबाव उनके देश पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डाल सकता.

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