
सिंगापुर के सबसे बड़े बैंक डीबीएस ने अगले तीन सालों में 4,000 लोगों की नौकरियां खत्म करने की बात कही है. बैंक ने इसकी वजह एआई को बताया है.सिंगापुर के सबसे बड़े बैंक डीबीएस ने ऐलान किया है कि आने वाले तीन सालों में वह लगभग 4,000 नौकरियां कम करके उसकी जगह एआई का इस्तेमाल करेगा क्योंकि एआई अब काफी विकसित हो चुका है.
समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमारा मानना है कि अगले तीन सालों में एआई बैंक से जुड़ी 19 अलग-अलग जगहों पर काम कर रहे लगभग 4,000 लोगों की जरूरत खत्म कर देगा, जो थोड़े समय के लिए या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "बैंक के साथ कॉन्ट्रैक्ट और अस्थाई तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद उसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, बल्कि उनकी जगह एआई की मदद ली जाएगी."
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डीबीएस बैंक में 8,000 से 9,000 लोग ऐसे हैं जो फिलहाल थोड़े समय के लिए या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं. बैंक में काम करने वाले कुल कर्मचारियों की संख्या 41 हजार है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आने वाले सालों में बैंक में एआई का इस्तेमाल करने वाली 1,000 नई नौकरियां दी जाएंगी.
उम्र के साथ एआई की याददाश्त भी कमजोर होती हैडीबीएस बैंक का कहना है कि इस कदम का असर उनके स्थाई कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा. बैंक ने कहा कि लगभग 13,000 ऐसे कर्मचारियों की पहचान की गई है जिन्हें नए कौशल सीखने की जरूरत है, और उनमें से 10,000 से ज्यादा लोगों ने एआई और डाटा जैसे कौशल सीखने का काम शुरू कर दिया है.
उम्र के साथ एआई की याददाश्त भी कमजोर होती है
पिछले महीने छपी ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि आने वाले तीन से पांच सालों में दुनिया भर के बैंक एआई की वजह से लगभग 2 लाख नौकरियां कम कर देंगे.
एआई से जाने वाली नौकरियां
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच सालों में 17 करोड़ नई नौकरियां बनेंगी लेकिन 9 करोड़ से ज्यादा नौकरियां खत्म भी होंगी. रिपोर्ट के अनुसार जिन नौकरियों के घटने का अनुमान है, उनमें कैशियर, क्लीनर, सिक्योरिटी गार्ड, बैंक क्लर्क, डाटा एंट्री क्लर्क, ग्राफिक डिजाइनर जैसी नौकरियां शामिल हैं. एआई की वजह से 2030 तक नौकरियों के लिए जरूरी कौशल में 39 फीसदी तक बदलाव आ सकता है.
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वहीं पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट बताती है कि एआई की वजह से उन सेक्टरों में काम करने की गति लगभग पांच गुना बढ़ गई है जहां एआई का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. बिग डाटा स्पेशलिस्ट, फिनटेक इंजीनियर और मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट जैसी नौकरियों की मांग में बढ़ोत्तरी होगी. रिपोर्ट की मानें तो 70 फीसदी सीईओ ऐसा मानते हैं कि एआई अगले तीन सालों में उनके कारोबार में काम करने के तरीके को काफी बदल देगा.
पिछले साल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी कहा था कि एआई की वजह से दुनिया भर में 40 फीसदी नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं. आईएमएफ ने कहा, "हमें ऐसे नियम बनाने होंगे जिनसे हम एआई की ताकत का सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल कर सकें, ताकि यह इंसानों के काम आ सके."
डीबीएस बैंक के सीईओ पीयूष गुप्ता का कहना है, "सीईओ के तौर पर काम करते हुए अपने 15 सालों में, पहली बार मुझे नई नौकरियां देने में मुश्किल आ रही है. अब तक, मुझे हमेशा पता होता था कि मैं कौन सी नौकरियां बना सकता हूं. इस बार मुझे यह कहने में मुश्किल हो रही है कि मैं लोगों को नए काम के लिए कैसे तैयार करूं."
एवाई/वीके (एएफपी/रॉयटर्स)