Balochistan Terror Attack: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को दो अलग-अलग हमलों में हथियारबंद हमलावरों ने कम से कम 37 लोगों की हत्या कर दी. सरकार और सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, रविवार और सोमवार की दरमियानी रात चरमपंथी समूहों से जुड़े उग्रवादियों ने चार हमले किए. इसमें अब तक 37 लोग मारे गए हैं. पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ ने एक बयान में कहा कि हमलों के बाद शुरू किए गए अभियानों में 21 आतंकवादी भी मारे गए. बलूच बंदूकधारियों ने रविवार- सोमवार की दरमियानी रात को बलूचिस्तान प्रांत में दो अलग-अलग हमलों में कम से कम 37 लोगों की हत्या कर दी थी.
पहली घटना में बलूचिस्तान के मूसाखेल जिले में बंदूकधारियों ने बसों से यात्रियों को उतारकर और उनके पहचान पत्र देखने के बाद पंजाब प्रांत के कम से कम 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी.
मूसाखेल के सहायक आयुक्त नजीब काकर के मुताबिक भारी हथियारों से लैस करीब 10 हमलावारों ने जिले के राराशिम इलाके में अंतर सूबाई राजमार्ग को बाधित कर दिया और कई बसों से यात्रियों को उतार लिया. उन्होंने बताया, ‘‘खबरों के मुताबिक मारे गए लोग पंजाब सूबे से हैं.’’ काकर के मुताबिक हमलावरों ने कुछ वाहनों में भी आग लगा दी। मूसाखेल बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से करीब 450 किलोमीटर उत्तर पूर्व अवस्थित है. बलूचिस्तानी अलगाववादी नियमित रूप से पंजाब प्रांत के लोगों को निशाना बनाते हैं और आरोप लगाते हैं कि प्रांत में आतंकवादियों से लड़ने वाले सशस्त्र बलों में पंजाबियों का दबदबा है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयूब खोसो ने बताया, ‘‘यात्रियों को बसों से उतरने के लिए कहा गया और राष्ट्रीय पहचान पत्र देखने के बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी.’’ खोसो ने बताया, ‘‘मृतकों में से ज्यादातर लोग दक्षिणी पंजाब के और कुछ खैबर पख्तूनख्वा के हैं जिससे पता चलता है कि उनकी जातीय पृष्ठभूमि के कारण उनकी हत्या की गयी है.’’ प्राधिकारियों ने बताया कि एक अन्य हमले में बलूचिस्तान के कलात जिले में बंदूकधारियों ने चार पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 11 लोगों की हत्या कर दी गयी. कलात राजधानी क्वेटा से करीब 150 किलोमीटर दक्षिण में स्थिति है और बलूच कबीलों का इलाके में दबदबा है. प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है. दोनों हमले बलूच कबाइली नेता नवाब अकबर खान बुगती की 18वीं बरसी के समय हुए हैं. खान पाकिस्तानी सेना के अभियान में मारे गए थे.
उग्रवादी समूहों ने अपनी हिंसा को ‘ऑपरेशन हेरूफ’ नाम दिया है और एक साथ प्रांत के विभिन्न जिलों में सिलसिलेवार हमले शुरू किए हैं. कलात में यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब आतंकवादियों ने सोमवार को मूसाखेल जिले के राराशिम क्षेत्र में बसों और ट्रकों को रोका, 23 यात्रियों को उतारा और उनकी पहचान पंजाब के यात्रियों के रूप में करने के बाद उन्हें गोली मार दी. कलात के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दोस्तैन दश्ती ने फोन पर बताया, ‘‘उग्रवादियों ने सुबह हमले को अंजाम दिया और इसके बाद नजदीकी पहाड़ो की ओर भाग गए.’’ ये हमले मूसाखेल जिले के राराशिम क्षेत्र में हुए, जहां आतंकवादियों ने अधिकतर पंजाब के यात्रियों को उतार दिया और उनमें से 23 को गोली मार दी, जबकि कलात जिले में एक सुरक्षा चौकी पर एक अन्य हमले में उन्होंने अर्धसैनिक बल के जवानों और पुलिसकर्मियों सहित 10 लोगों की हत्या कर दी.
बोलन जिले के कोलपुर क्षेत्र में हुए एक अन्य हमले में चार अन्य सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि मस्तुंग जिले के कडकुचा क्षेत्र में भी आतंकवादियों ने एक चुंगी चौकी परिसर पर हमला किया जहां एक व्यक्ति की मौत हुई. उग्रवादियों ने बोलन में मुख्य रेलवे ट्रैक पर बने एक पुल को भी उड़ा दिया. बलूचिस्तान प्रांत पिछले कुछ समय से अलगाववादी समूहों और सुरक्षाकर्मियों के बीच संघर्ष का केंद्र बना हुआ है. उग्रवादी अक्सर बलूचिस्तान से गुजरने वाले या यहां काम करने वाले श्रमिकों, मजदूरों या तीर्थयात्रियों को निशाना बनाकर हमले करते रहे हैं. इन समूहों ने प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा और सरकारी कर्मियों तथा प्रतिष्ठानों को भी अक्सर निशाना बनाया है.
मूसाखेल में हमले से करीब चार महीने पहले पंजाब के लोगों को निशाना बनाते हुए ऐसा ही हमला किया गया था. अप्रैल में नोश्की के समीप एक बस से नौ यात्रियों को उतारा गया था और बंदूकधारियों ने उनके पहचान पत्र देखने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. पिछले साल अक्टूबर में अज्ञात बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान में तेच जिले के तुरबत में पंजाब के छह श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मई में, पंजाब के ही सात नाइयों की अज्ञात बंदूकधारियों ने उस समय हत्या कर दी थी, जब वे ग्वादर बंदरगाह से लगभग नौ मील दूर, सरबंदन के तटीय क्षेत्र में अपने क्वार्टर में सो रहे थे.
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता सादिक रिंद ने कहा कि मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘इन कायर आतंकवादियों ने रात का फायदा उठाया और राजमार्ग पर ट्रकों को रोककर लोगों की हत्या कर दी.’’
‘रेडियो पाकिस्तान’ ने बताया कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की कड़ी निंदा की है. हमलों में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. जरदारी ने कहा कि निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या पूरी मानवता की हत्या है और उन्होंने दोषियों को सजा दिलाने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरा सहयोग करने और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को घटना की तुरंत जांच करने का भी निर्देश दिया.
शहबाज शरीफ ने कहा, ‘‘इस घटना के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को कड़ी सजा दी जाएगी.’’उन्होंने कहा कि देश में किसी भी प्रकार का आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने आतंकवाद की समस्या को खत्म करने की पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता व्यक्त की. बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवाद की इस घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने आतंकवाद के कायरतापूर्ण कृत्य में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं. बुगती ने कहा कि आतंकवाद और उनके मददगार बच नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान सरकार आतंकवादियों को पकड़ लेगी.
पुलिस ने बताया कि एक अन्य आतंकवादी हमले में बोलन के डोजन इलाके में एक रेलवे पुल को बम से उड़ा दिया गया. बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है लेकिन अन्य प्रांतों से अधिक संसाधन होने के बावजूद यह सबसे कम विकसित है. बीएलए और अन्य बलूच अलगाववादियों ने क्षेत्र में काम कर रहे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत के लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं. पाकिस्तान संघर्ष और सुरक्षा अध्ययन संस्थान के अनुसार, बलूचिस्तान में पिछले साल 170 आतंकवादी हमले हुए थे जिनमें 151 नागरिकों और 114 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी थी.
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