धरती पर कहां से हुई थी डायनासोरों की शुरुआत, अब मिल रहे हैं जवाब
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

डायनासोरों के बारे में आज भी हमें यह नहीं मालूम कि धरती पर उनका जन्म कब और कहां हुआ था. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब जाकर इस रहस्य से पर्दा उठ रहा है.इस सवाल के जवाब में रिसर्चर एक चौंकाने वाली जगह की तरफ इशारा कर रहे हैं. यह जानकारी अभी तक मिले सबसे पुराने डायनासोर जीवाश्म के स्थान, शुरुआती डायनासोरों के बीच संबंधों और ट्रियासिक युग के दौरान धरती के भूगोल पर आधारित है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक डायनासोरों की उत्पत्ति आज के सहारा रेगिस्तान और अमेजन वर्षावन के बीच के इलाके में हुई होगी. इसे समझाते हुए इस नई रिसर्च रिपोर्ट के मुख्य लेखक जोएल हीथ कहते हैं, "डायनासोर जिस समय सबसे पहले जीवाश्मों के रिकॉर्ड में दिखाई देते हैं उस समय आज के सभी महाद्वीप एक विशाल सुपर महाद्वीप का हिस्सा थे, जिसका नाम था पैंजिया. डायनासोरों की उत्पत्ति पैंजिया के दक्षिणी हिस्से में हुई, जिसे गोंडवाना कहा जाता है."

हीथ यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और लंदन के नैचुरल हिस्टरी म्यूजियम में जीवाश्मिकी के डॉक्टोरल छात्र हैं. यह रिसर्च रिपोर्ट करंट बायोलॉजी नाम की पत्रिका में छपा है.

हीथ ने आगे बताया, "हमारी रिसर्च से पता चल रहा है कि संभावित रूप से उनकी उत्पत्ति भूमध्यरेखा के पास गोंडवाना के निचले इलाकों में हुई होगी, वह इलाका जिसमें आज उत्तरी दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अफ्रीका शामिल है."

अभी तक की समझ को चुनौती

सबसे पुराने डायनासोर जीवाश्म करीब 23 करोड़ साल पुराने हैं. इनमें अर्जेंटीना के ईओरैप्टर और हेरेरासौरस, दक्षिणी ब्राजील का सैटर्नेलिया और जिम्बाब्वे का बिरेसॉरस शामिल हैं. इनमें कुछ समानताएं भी थीं लेकिन पर्याप्त अंतर भी थे जो यह दिखाते हैं कि इनके बीच डायनासोरों में लाखों सालों की उत्पत्ति का फासला है.

हीथ कहते हैं, "इससे पहले रिसर्च का फोकस डायनासोरों की उत्पत्ति के इलाकों के रूप में दक्षिणी दक्षिण अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका पर था...हम यह सुझा रहे हैं कि जीवाश्म रिकॉर्ड में काफी फासला है, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां आज का सहारा रेगिस्तान और अमेजन वर्षावन है. इस फासले में यह बताने की संभावना है कि सबसे पुराने डायनासोर कहां रहते थे."

शोधकर्ताओं ने कहा कि संभावित रूप से डायनासोरों की उत्पत्ति करीब 23 से 24.5 करोड़ साल पहले हुई, जब ये इलाके बेहद गर्म और सूखे थे. हीथ के मुताबिक, "संभावित रूप से इस इलाके में रेगिस्तान, घास के मैदानों जैसे निवास स्थान और ऐसे जंगली इलाके भी शामिल थे जहां अक्सर मौसमी जंगली आग लग जाती थी. अभी से पहले तक यह माना जाता था कि इतने कठोर पर्यावरण में डायनासोर नहीं थे."

इस इलाके और इस समय के जीवाश्म दुर्लभ हैं. हीथ कहते हैं कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि उस समय जमीन पर चलने वाले पशुओं के अवशेषों को सुरक्षित रखने के लिए आदर्श हालात नहीं थे, या ये जीवाश्म जिन पत्थरों में हैं उनकी अभी तक खोज नहीं हुई है.

शुरूआत में दूसरे जीवों की छाया में रहते थे

हीथ के मुताबिक, "डायनासोर उनके ढांचे में कुछ विशेषताओं की वजह से यूनीक होते हैं. वे सीधा खड़े होते थे, उनके पैर सीधा उनके शरीर के नीचे थे, खम्भों की तरह, जिसकी वजह से वो कुशलता से चल और दौड़ सकते थे. उनके कूल्हे भी खास थे जो उन्हें दूसरे सरीसृपों से अलग बनाते थे."

शुरूआती डायनासोरों के बारे में हीथ ने बताया कि उनके शरीर गति और फुर्ती के लिए बने थे और उनके दांत भी विशेष आहार के लिए बने थे. हीथ ने बताया कि दो पैरों वाला एक रहस्यमयी जीव न्यासासौरस दिखने में सबसे पुराने डायनासोरों का प्रतिनिधित्व करता है. तंजानिया में पाए जाने वाले इस डायनासोर के जीवाश्मों को 24-24.5 करोड़ साल पुराना पाया गया है.

शुरू में डायनासोरों पर दूसरे जीव हावी थे, जिनमें आज के मगरमच्छों के विशाल रिश्तेदार, हाथियों के आकार के कई शाकाहारी जीव और चार पैरों और मोटी चमड़ी वाले सरीसृप शामिल थे.

हीथ ने बताया, "डायनासोरों की शुरुआत छोटी थी और ट्रियासिक युग में उनकी भूमिका उनके इकोसिस्टम में छोटी थी. वो बड़े, ज्यादा प्रभावशाली पशुओं की छाया में रहते थे. हालांकि उनके पास गति, फुर्ती और अलग अलग पर्यावरणों के हिसाब से खुद को बदल लेने की श्रेष्ठताएं थीं. फिर करीब 20.1 करोड़ साल पहले एक बड़ी विनाशकारी घटना ने उनके कई प्रतिद्वंदियों को खत्म कर दिया और उन्हें धरती पर प्रमुख कशेरुकी जीवों के रूप में राज करने का मौका दिया."

सीके/एनआर (रॉयटर्स)