VIDEO में देखें कुदरत का करिश्मा! Northern Lights से जगमगा उठा आसमान, 20 साल बाद पृथ्वी से टकराया ऐसा शक्तिशाली सौर तूफान

तस्मानिया से लेकर ब्रिटेन तक, दुनिया भर के आसमान में शुक्रवार रात एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला. 2003 के बाद पहली बार पृथ्वी पर इतना शक्तिशाली सौर तूफान आया है जिससे अरोरा (Northern Lights) की रंगीन रोशनी से आकाश जगमगा उठा. सोशल मीडिया पर लोग इस खगोलीय घटना की तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए इसे 'कुदरत का करिश्मा' बता रहे हैं.

अमेरिका से लेकर यूक्रेन तक दिखा अरोरा

राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) ने पुष्टि की है कि एक अत्यधिक शक्तिशाली (G5) सौर तूफान धरती से टकराया है. इस वजह से उत्तरी गोलार्द्ध में कई जगहों पर अरोरा (Northern Lights) का मनमोहक नज़ारा दिखाई दिया. बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी, अमेरिका के अलबामा राज्य और यहां तक कि यूक्रेन के निप्रो शहर में भी अरोरा की चमकदार रोशनी देखी गई.

स्विट्जरलैंड में ऑरोरा अद्भुत नजारा-

संचार व्यवस्था पर पड़ सकता है असर:

NOAA SWPC ने X (पहले Twitter) पर जानकारी देते हुए बताया कि, "अत्यधिक (G5) स्थिति शाम 6.54 बजे EDT पर पृथ्वी पर पहुंची. कई अन्य पृथ्वी-निर्देशित कोरोनल मास इजेक्शन (CME) पारगमन में होने के कारण सप्ताहांत तक भू-चुंबकीय तूफान बना रहने की संभावना है." उन्होंने आगे बताया कि, "HF/VHF/UHF संचार, GPS, पावर ग्रिड, अंतरिक्ष यान, उपग्रह नेविगेशन और अन्य तकनीकें प्रभावित हो सकती हैं. सभी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा ऑपरेटरों को सूचित कर दिया गया है."

20 साल पहले आया था ऐसा तूफान

यह तूफान 2003 में आए "हैलोवीन स्टॉर्म" के बाद से अब तक का सबसे शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफान है. 2003 में आए इस तूफान ने स्वीडन में ब्लैकआउट कर दिया था और दक्षिण अफ्रीका में बिजली के बुनियादी ढाँचे को काफी नुकसान पहुंचाया था.

क्या होता है कोरोनल मास इजेक्शन?

सौर ज्वालाओं के विपरीत, जो प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं और लगभग आठ मिनट में पृथ्वी पर पहुँच जाते हैं, कोरोनल मास इजेक्शन (CME) अधिक धीमी गति से यात्रा करते हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार CME की औसत गति 800 किलोमीटर (500 मील) प्रति सेकंड है.

यह CME एक विशाल सनस्पॉट समूह से निकला है, जो हमारे ग्रह से 17 गुना चौड़ा है! सूर्य 11 साल के चक्र के चरम पर पहुँच रहा है, जिससे सौर गतिविधि में वृद्धि देखने को मिल रही है.