Tau Herculids Meteor Shower Photos and Videos: नासा (NASA) की उत्तरी अमेरिकी क्षेत्र में रहने वाले स्टारगेजर्स और अंतरिक्ष के प्रति उत्साही उल्का बौछारें देखने की संभावना सही साबित हुई है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, इसे 'ताऊ हरकुलिड' नाम दिया गया है, जो 30 मई की रात और 31 मई की सुबह चरम पर पहुंचा. हालांकि, इसका समय निश्चित नहीं है. इस बीच 'ताऊ हरकुलिड' की कई दुर्लभ तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रहीं है. राजस्थान के जालोर में आसमान से गिरा उल्कापिंड जैसा रहस्यमय टुकड़ा, ट्विटर पर लोगों ने बताया एलियन का मास्क- देखें तस्वीरें
उल्का वर्षा धूमकेतु और क्षुद्रग्रह मलबे की धाराओं के कारण होती है, जो पृथ्वी के मलबे के क्षेत्र से गुजरते ही कई और चमक और प्रकाश की धारियां पैदा करती हैं. जानकारी के अनुसार, ताऊ हर्कुलिड बौछार 73पी/श्व्समैन-वाचमन, या 'एसडब्ल्यू3, जो हर 5.4 साल में सूर्य की परिक्रमा करता है, नामक धूमकेतु से हुआ है.
Tau Herculids Meteor Shower 2022:
Shots of tonight's Tau Herculids meteor shower taken at Norris Lake. What a sight! 💫🤩 pic.twitter.com/Zmup9B4sMz
— Weazel News (@sawyerthecade) May 31, 2022
Milky Way via @Unistellar Nocturne.
T minus 30 minutes to earliest predicted Tau Herculids event 0045 EDT. @WTOP pic.twitter.com/1MEjXc6y5e
— Greg Redfern (@SkyGuyinVA) May 31, 2022
Here is a selection of tau Herculids from last night observed by #globalmeteornetwork cameras. The video in real time and the cameras are close to the sensitivity of the human eye, so you can expect to see them like this in person tonight!#tauherculids2022 #Meteorshower pic.twitter.com/hi66pneZ3n
— Denis Vida (@meteordoc) May 30, 2022
1930 में खोजा गया एसडब्ल्यू3 को 1970 के दशक के अंत तक फिर से नहीं देखा गया था, 1995 तक यह बहुत सामान्य लग रहा था, जब खगोलविदों ने महसूस किया कि धूमकेतु लगभग 600 गुना तेज हो गया है और इसके पारित होने के दौरान एक धुंधली धुंध से नग्न आंखों से दिखाई दे रहा है. आगे की जांच से पता चला कि एसडब्ल्यू3 कई टुकड़ों में बिखर गया था, मलबे के साथ अपने स्वयं के कक्षीय निशान को कूड़ा कर रहा था.
वहीं, 2006 में यह लगभग 70 टुकड़ों में था और तब से आगे भी टुकड़े करना जारी रखे हुए है. वैज्ञानिक शोधों का कहना है कि यदि यह इस वर्ष पृथ्वी पर आता है, तो एसडब्ल्यू3 का मलबा पृथ्वी के वायुमंडल से बहुत धीरे-धीरे टकराएगा, जिसका अर्थ है बहुत अधिक उल्कापिंड केवल 10 मील प्रति सेकंड की गति से यात्रा करेगा.