वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने खुलासा किया है कि पृथ्वी को गहरे अंतरिक्ष से एक रहस्यमयी संकेत मिला है. यह संकेत NASA के नए अंतरिक्ष यान "साइकी" से आया है, जो लगभग 140 मिलियन मील दूर है.
धातु से बना क्षुद्रग्रह
अक्टूबर 2023 में, NASA ने एक अंतरिक्ष मिशन शुरू किया था, जिसमें एक अंतरिक्ष यान को 'साइकी 16' नामक एक क्षुद्रग्रह की ओर भेजा गया था. माना जाता है कि यह क्षुद्रग्रह मुख्य रूप से धातु से बना है, जो हमारे सौर मंडल में दुर्लभ है. यह क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में स्थित है.
लेजर संचार का परीक्षण
साइकी नामक इस रोबोटिक एक्सप्लोरर का एक और मिशन था - लेजर संचार का परीक्षण करना. साइकी डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (DSOC) सिस्टम से लैस है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में विशाल दूरी पर लेजर संचार को संभव बनाना है. यह वर्तमान तरीकों की तुलना में बहुत तेज़ कनेक्शन का वादा करता है.
Mysterious Laser Transmission Strikes Earth From 140 Million Miles Away https://t.co/dNh3WOueZz pic.twitter.com/nJn7rqLuCO
— NDTV (@ndtv) May 2, 2024
140 मिलियन मील दूर से भेजा डेटा
साइकी मुख्य रूप से रेडियो फ्रीक्वेंसी संचार का उपयोग करता है, लेकिन ऑप्टिकल संचार तकनीक ने अपनी क्षमता साबित कर दी है. लेजर संचार डेमो ने 140 मिलियन मील से अधिक दूरी से इंजीनियरिंग डेटा को सफलतापूर्वक प्रसारित किया, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का 1.5 गुना है.
तेज़ गति से डेटा ट्रांसमिशन
NASA के ऑप्टिकल संचार प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि यह फ्लाइट लेजर ट्रांसीवर के निकट-इन्फ्रारेड डाउनलिंक लेजर का उपयोग करके अधिकतम 267 एमबीपीएस की दर से परीक्षण डेटा संचारित कर सकता है, जो ब्रॉडबैंड इंटरनेट गति के समान है. हालांकि, चूंकि अंतरिक्ष यान अब बहुत दूर है, इसलिए डेटा ट्रांसमिशन दर कम है.
साइकी 16 क्षुद्रग्रह की ओर बढ़ रहा है
साइकी मंगल और बृहस्पति के बीच साइकी 16 क्षुद्रग्रह की ओर बढ़ रहा है और यह पूरी तरह से स्थिर और स्वस्थ है. इस रहस्यमयी संकेत और लेजर संचार की सफलता से अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में नए रास्ते खुलेंगे. भविष्य में हम अंतरिक्ष से और भी रोमांचक जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे.