चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) सफलतापूर्वक अपने मिशन के हर पड़ाव को पार कर रहा है. मंगलवार सुबह चंद्रयान-2 ने पहली डी-ऑर्बिटिंग (de-orbiting) की प्रक्रिया पूरी कर ली है. इसरो ने ट्वीट कर बताया कि आज सुबह 8.50 बजे पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पहली डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी कर ली गई है. इसरो ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया 4 सेकेंड में पूरी कर ली गई. अब 4 सितंबर को अगला डी-ऑर्बिटिंग सुबह 3.30 बजे से 4.30 बजे के बीच किया जाएगा. डी-ऑर्बिटिंग से मतलब है कि चंद्रयान- 2 ने स्पेसक्राफ्ट ने उल्टी दिशा में चलना शुरू कर दिया है ताकि वह चांद के दक्षिणी ध्रुव का रुख कर सके.
सोमवार को चंद्रयान-2 से अलग होने के बाद लगभग 20 घंटे से 'विक्रम' (Vikram) लैंडर अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था. लेकिन, अब यह ऑर्बिटर से उल्टी दिशा में चल दिया है. इसे ही डिऑर्बिट कहते हैं. अब चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से पहले विक्रम लैंडर लगभग 2 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से चांद के चारों ओर चक्कर लगाएगा.
पहली डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया हुई सफल-
ISRO: The first de-orbiting maneuver for Chandrayaan-2 spacecraft was performed successfully today (September 03, 2019) beginning at 0850 hrs IST (India Standard Time), as planned, using the onboard propulsion system. The duration of the maneuver was 4 seconds. pic.twitter.com/s1laGfryy1
— ANI (@ANI) September 3, 2019
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— ISRO (@isro) September 2, 2019
बता दें कि सोमवार को चंद्रयान-2 ने दोपहर करीब 1.15 बजे चंद्रयान के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को सफलतापूर्वक अलग कर दिया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से 'विक्रम' अलग हो गया. बता दें कि विक्रम लैंडर का ऑर्बिट 104 किमी x 128 किमी का है. चंद्रयान का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में लगातार चक्कर काटेगा. इसी दौरान इसे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए तैयार किया जाएगा.
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और लैंडर दोनों ही ठीक तरीके से काम कर रहे हैं. विक्रम लैंडर में अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जो कि चांद पर कई सारे अहम शोध करेंगे. 'लैंडर' का नाम भारत के अंतरिक्ष मिशन के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर 'विक्रम' रखा गया है. विक्रम के साथ ही चांद की सतह पर 'प्रज्ञान' नामक रोबोटिक यान भी उतरेगा.