क्या आपने कभी सोचा है कि क्या हम अकेले हैं इस विशाल ब्रह्मांड में? क्या कहीं और भी जीवन है, और अगर है, तो क्या वे हमारे बीच रह रहे हैं? हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ह्यूमन फ्लोरिशिंग प्रोग्राम की एक नई स्टडी ने यह दावा करते हुए सबको हैरान कर दिया है कि एलियंस हमारे बीच रह सकते हैं, शायद ही हमारे सामने ही, लेकिन छिपकर!
स्टडी में कहा गया है कि जो UFO यानी अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमिना दिखते हैं, वो शायद एलियन हो सकते हैं जो पृथ्वी पर अपने दोस्तों से मिलने आते हैं! अब आप सोच रहे होंगे कि क्या यह सब मजाक है? लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का नाम तो कुछ भी कहने के लिए काफी है!
स्टडी में चार तरह के एलियंस होने की बात कही गई है-
मानव क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल: ये एलियंस हमारे ही पूर्वज हो सकते हैं, जो किसी प्राचीन, बहुत विकसित सभ्यता से हैं, जो बहुत पहले नष्ट हो गई थी (शायद बाढ़ के कारण). ये एलियंस छिपकर आज भी रहते होंगे.
होमिनिड या थेरोपॉड क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल: ये एलियंस पृथ्वी के जानवरों से विकसित हो सकते हैं, जैसे बंदर या डायनासोर, जो गुप्त रूप से रहते हैं.
पूर्ववर्ती बाह्यग्रहीय या अतिकालिक क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल: ये एलियंस ब्रह्मांड के दूसरे हिस्से से या हमारे भविष्य से आ सकते हैं और खुद को छिपा कर रखते हैं, शायद चाँद पर!
जादुई क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल: ये एलियंस हमारी समझ से थोड़े अलग हैं. ये जादुई शक्तियां रखते हैं, जैसे परियों, बौनों या अप्सराओं की तरह.
स्टडी में यह भी कहा गया है कि ये एलियंस झीलों और ज्वालामुखियों के आस-पास रहते होंगे, क्योंकि ये उनके लिए प्रवेश और निकास के बिंदु हो सकते हैं. सबसे चौंकाने वाला दावा यह है कि ये एलियंस चाँद पर भी बस्तियां बना सकते हैं! स्टडी में यह भी बताया गया है कि सरकार इन एलियंस के बारे में सच्चाई छिपा रही है. यह स्टडी जरूर आश्चर्यजनक है, लेकिन क्या सच में एलियंस हमारे बीच रह रहे हैं? यह तो समय ही बताएगा!