नई दिल्ली, 29 दिसंबर : वर्ष 2020 के बीतने में अब चंद दिन ही बाकी हैं और विश्व एक नए दशक में प्रवेश करने जा रहा है. साल 2020 को मानव स्मृति में सबसे विघटनकारी वर्ष के रूप में याद किया जाएगा. जैसे ही महामारी दुनियाभर में फैली, वह दूरसंचार नेटवर्क और प्रौद्योगिकी सेवाएं ही थीं, जिसने लोगों को आपस में जोड़े रखा. व्यापक लॉकडाउन के बावजूद 4जी नेटवर्क वैश्विक अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में कामयाब रहा. हालांकि वैश्विक आर्थिक गतिविधि काफा मंद पड़ गई, मगर लोगों के पास उनके घरों पर इंटरनेट के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, सूचना और मनोरंजन की पहुंच बरकरार रही. उच्च गति वाली दूरसंचार सेवाओं के लिए यह काफी महत्वपूर्ण समय रहा. उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि अब भारत की टेलीकॉम स्टोरी को पुनर्जीवित करने और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को तेजी से पेश करने के प्रति मानसिकता में बदलाव आया है.
इस महीने की शुरुआत में प्रौद्योगिकी मामलों के दूरसंचार विभाग (DOT) के सदस्य के. रामचंद ने कहा था कि वह जल्द ही नीलामी के लिए 5जी स्पेक्ट्रम बैंड की घोषणा करेंगे. यह एक स्पष्ट संकेत है कि 5जी को अपनाना अब सरकार के लिए प्राथमिकता है. अधिकांश भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के पास वर्तमान में 5जी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए निवेश और निर्माण को लेकर वित्तीय कमी कमी है, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि वह प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार है.
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एस.पी. कोचर ने कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी व्यवसाय मॉडल के संदर्भ में कई संभावनाओं को खोलने के लिए तैयार है. उनका कहना है कि इससे सभी की जीवनशैली पर भी प्रभाव पड़ने वाला है. उन्होंने कहा, "हम क्षैतिज विकास और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में एक भूमिका निभाने के लिए उद्योग को सक्षम करने में सरकार के समर्थन की तलाश कर रहे हैं. 5जी की क्षमता बहुत अधिक है और यह भारत के लिए पूरे खेल को बदलने में सक्षम है. इसके साथ ही यह सरकार के अभियानों जैसे कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत के लिए उत्प्रेरक बन सकता है." यह भी पढ़ें : एपल ने तेज 5जी वायरलेस नेटवर्क के लिए नए आईफोन पेश किए
सइएंट के अध्यक्ष और सीओओ कार्तिक नटराजन ने कहा, "हम संचार नेटवर्क के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश देख रहे हैं. वर्तमान डिजिटल परिवर्तन से उपयोगकर्ता (यूजर्स) के अनुभव में वृद्धि होगी, परिचालन क्षमता बढ़ेगी और उद्यम व्यवसायों के लिए प्रतिस्पर्धा में बढ़त होगी. विश्व स्तर पर नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्च र के डिजाइन, वितरण, परिनियोजन, माइग्रेशन और समर्थन में हमारा अनुभव हमें 5जी की शुरुआत (रोलआउट) के लिए एक आदर्श भागीदार बनाता है."
पिछले कुछ वर्षो में कई वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भारत में विनिर्माण आधार स्थापित किया है. सैमसंग को हाल ही में अपने नोएडा कारखाने में ओएलईडी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिली है. हालांकि इस तरह के निवेश महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी), सेमीकंडक्टर्स और भविष्य की तकनीक में निवेश के लिए बहुत अधिक प्रोत्साहन की जरूरत है. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भारत के सामने बड़ी चुनौती विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई (एफएबी) की कमी है. अब समय आ गया है कि सरकार या तो वैश्विक दिग्गजों को भारत में निवेश कि लिए आकर्षित करे या फिर घरेलू स्तर पर ही इस पर काम शुरू किया जाए. यह भी पढ़ें : 5G की समय पर लॉन्चिंग करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत- पीएम नरेंद्र मोदी
मीडियाटेक इंडिया (MediaTek India) के प्रबंध निदेशक अंकु जैन ने कहा, "2020 में 5जी के लिए मुख्यधारा तय करने के लिए मंच निर्धारित किया गया है और 2021 में यह अगली जनरेशन 5जी स्मार्टफोन, नई ऐप्स और स्मार्ट टीवी जैसे स्मार्ट डिवाइस, टैबलेट्स, वॉयस इंटरफेस के साथ एकीकृत फोन जैसे स्मार्ट उपकरणों की मांग में वृद्धि करेगा." यह देखना दिलचस्प और महत्वपूर्ण होगा कि भारत कैसे टीएमटी उद्योग में 5जी के साथ भविष्य की तकनीकों में निवेश को आकर्षित कर सकता है और अगले तीन से पांच वर्षों में आर्थिक अवसरों की एक श्रृंखला पेश कर सकता है.