IIT मद्रास के आपदा प्रबंधन ड्रोन ने जीता माइक्रोसॉफ्ट चैलेंज, फर्स्ट आनेवाले प्रतियोगी को मिला पांच लाख का इनाम

आपदा के वक्त लोग कहां फंसे हैं, इसकी सटीक जानकारी मुहैया कराने वाला कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) से संचालित ड्रोन यहां मंगलवार को हुए माइक्रोसॉफ्ट एकेडमिया एक्सेलरेटर कार्यक्रम के तहत एक प्रतियोगिता के शीर्ष विजेता के रूप में सामने आया.

ड्रोन (Photo Credit- IANS)

बेंगलुरू:  आपदा के वक्त लोग कहां फंसे हैं, इसकी सटीक जानकारी मुहैया कराने वाला कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) से संचालित ड्रोन (Drone) यहां मंगलवार को हुए माइक्रोसॉफ्ट एकेडमिया एक्सेलरेटर कार्यक्रम (Microsoft Academic Accelerator Program) के तहत एक प्रतियोगिता के शीर्ष विजेता के रूप में सामने आया. यह समाधान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) की एक टीम द्वारा प्रदर्शित किया गया.

इस चुनौती की दो अन्य विजेता टीमें भी आईआईटी से थीं. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि एक मिक्सड रियलटी एप बनाने के लिए आईआईटी गुवाहाटी की टीम प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रही. यह एप संचार, पथ प्रदर्शन और बचाव दल के लिए निगरानी की वर्तमान स्थिति को आसान बनाता है. आईआईटी जोधपुर (Jodhpur) की टीम प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रही.

टीम ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स समाधान पेश किया, जो कि शीघ्र चेतावनी प्रणाली के रूप में काम करता है और आपदाओं का पता लगाने में एहतियाती कदम उठाता है. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि तीन विजेता टीमों को क्रमश पांच लाख, तीन लाख और एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन का 65 साल की उम्र में कैंसर से निधन

विजेता टीमों को अर्थ ग्रांटी समुदाय के लिए आईए के माध्यम से तकनीकी और शिक्षा समर्थन हासिल होगा और प्रत्येक विजेता टीम को एआई फॉर अर्थ से 5,000 डॉलर की धनराशि भी दी जाएगी.

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Microsoft India Private Limited) की बिजनेस मैनेजमेंट निदेशक चित्रा सूद ने एक बयान में कहा, "भारत के पास एआई संचालित समाधान के लिए विकास का केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं. एकेडमिया के साथ माइक्रोसॉफ्ट का जुड़ना इंजीनियरिंग स्कूलों में छात्रों के नवाचार सफर के साथ जुड़ने और उसे बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है."

Share Now

\