AI टेक्नोलॉजी का दुनियाभर में तेजी से विस्तार हो रहा है. एआई से एक और जहां नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है तो वहीं इसके जरिए धोखाधड़ी भी हो रही है. AI को लेकर एक नया सर्वे सामने आया है जो आपको चिंता में डाल सकता है. अभी तक हमने बैंक या क्रेडिट-डेबिट कार्ड के फ्रॉड कॉल के बारे में सुना था जो ओटीपी पूछकर लोगों के खातों से पैसे उड़ा लेते हैं. धोखाधड़ी का यह तरीका अब पुराना हो चुका है. साइबर अपराधी अब नए तरीके अपना रहें हैं जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फेक वॉइस कॉल भी शामिल है. Jobs At Risk by ChatGPT: सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जॉब खा जाएगा चैटजीपीटी? खतरे में है भारत के 5 मिलियन लोगों की नौकरी- रिपोर्ट.
साइबर क्रिमिनल्स ने लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए यह नया तरीका निकाला है. वे दोस्तों और रिश्तेदारों की आवाज में लोगों को फर्जी कॉल लगाते हैं और उन्हें ठग लेते हैं. साइबर अपराधी बड़े पैमाने पर ठगी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल करने लगे हैं.
अपराधी मासूम लोगों को AI के जरिए कॉल करते हैं. कॉल पर किसी दोस्त या रिश्तेदार की आवाज में पैसों के लिए मदद मांगी जाती है. कॉल पर दावा किया जाता है कि वे फंस गए हैं या फोन या वॉलेट चोरी हो गया है और वे मदद के बहाने सामने वाले शख्स को ठग लेते हैं. एक ऑनलाइन सिक्योरिटी फर्म McAfee के सर्वे से पता चला है कि 83 फीसदी भारतीय ने माना कि फेक कॉल्स की वजह से उनके पैसे डूब गए.
सर्वे से पता चला है कि 69 फीसदी भारतीय असली और AI द्वारा किए गए नकली वॉयस कॉल के बीच फर्क नहीं समझ पाते हैं. इस आंकड़े से जाहिर है कि यह आज के समय में कितना बड़ा खतरा है और कितनी आसानी से लोगों को अपना शिकार बनाया जा सकता है. सर्वे के मुताबिक 47 फीसदी भारतीयों ने या तो खुद एआई कॉल स्कैम का अनुभव किया है या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने AI वॉयस स्कैम का अनुभव किया है.
फेक वॉइस स्कैम का शिकार बने 83 प्रतिशत लोगों ने स्वीकारा कि उन्हें पैसों का नुकसान भी हुआ. वहीं 48 प्रतिशत लोगों ने माना कि इस स्कैम में फंस कर उन्हें 50 हजार रुपये तक का नुकसान हुआ.