नई दिल्ली, 6 अगस्त: भारतीय शटलर अश्विनी पोनप्पा ने लक्ष्य सेन के पेरिस 2024 ओलंपिक में कांस्य पदक से चूकने के बाद बैडमिंटन के दिग्गज प्रकाश पादुकोण की टिप्पणी की आलोचना की है. यह भी पढ़ें: Vinesh Phogat Leaps With Joy: विमेंस 50 KG कुश्ती क्वार्टरफाइनल में क्वालीफाई करने के बाद विनेश फोगट ने खुशी से झूमते हुए उछाते हुए को मैट थपथपाया, देखें वीडियो
पोनप्पा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में खिलाड़ियों पर अनुचित तरीके से दोष मढ़ने पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने सवाल उठाया कि विफलताओं के लिए केवल खिलाड़ियों को ही जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है, जबकि तैयारी और रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कोचों की इसी तरह जांच क्यों नहीं की जा रही है.
पोनप्पा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, "यह देखकर निराशा हुई. अगर कोई खिलाड़ी जीतता है, तो हर कोई श्रेय लेने के लिए आगे आता है और अगर वे हारते हैं, तो यह सिर्फ़ खिलाड़ी की गलती है?
"तैयारी की कमी और खिलाड़ी को सही तरह तैयार न करने के लिए कोचों को ज़िम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाता? जीत का श्रेय लेने वाले वे पहले व्यक्ति, अपने खिलाड़ियों की हार की ज़िम्मेदारी क्यों नहीं लेते?"
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जीत और हार दोनों को खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ़ सहित सामूहिक टीम प्रयास के परिणाम के रूप में देखा जाना चाहिए.
पोनप्पा ने आगे लिखा, "आखिरकार जीत के लिए टीम का प्रयास चाहिए और हारना भी टीम की ज़िम्मेदारी है. आप अचानक खिलाड़ी को नीचे नहीं धकेल सकते और सारा दोष खिलाड़ी पर नहीं डाल सकते."
पादुकोण की टिप्पणी भारत के लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक मैच में मलेशिया के ली ज़ी जिया के खिलाफ हार के बाद आई। 71 मिनट तक चले इस कड़े मुकाबले में लक्ष्य 21-13, 16-21, 11-21 से हार गए. इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक में भारत का बैडमिंटन अभियान बिना किसी मेडल के समाप्त हो गया.
प्रेस को संबोधित करते हुए पादुकोण ने कहा, "1964 में मिल्खा सिंह और 80 के दशक में पीटी उषा के बाद, हमने कई खिलाड़ियों को चौथे स्थान पर आते देखा है. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि खिलाड़ी भी जिम्मेदारी लें... आखिरकार, खिलाड़ियों पर ही जिम्मेदारी होती है कि वे तब अच्छा प्रदर्शन करें जब सबसे ज्यादा जरूरत हो."
2024 पेरिस ओलंपिक भारत के बैडमिंटन दल के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. इस आयोजन से पहले बड़ी उम्मीदों और मजबूत प्रदर्शन के बावजूद टीम पदक हासिल करने से चूक गई.