नई दिल्ली, 3 मार्च : महान भारत के बल्लेबाज गावस्कर ने बताया कि इंदौर के होल्कर स्टेडियम में तीसरे टेस्ट के पहले दिन के दूसरे सत्र में बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा द्वारा नो-बॉल पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज मारनस लाबुशेन को आउट करना मैच का टर्निग पॉइंट था. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में लाबुशेन शून्य पर थे, जब उन्हें जडेजा ने क्लीन बोल्ड कर दिया था. लेकिन रिप्ले में पता चला कि वह नो बॉल थी और वहां से लाबुशेन ने उस्मान ख्वाजा के साथ साझेदारी की, जिससे ऑस्ट्रेलिया को 88 रन की बढ़त मिली, जो उन्हें नौ विकेट की जीत में निर्णायक साबित हुई.
गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, यदि आप पीछे मुड़कर देखते हैं, तो आप कहेंगे कि शायद भारत को मैच की कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि उसके बाद उन्होंने (लाबुशेन और उस्मान ख्वाजा) ने 96 रन की साझेदारी की, जब भारत 109 रन पर ऑलआउट हो गया. इसलिए मुझे लगता है कि यह शायद महत्वपूर्ण मोड़ था. गावस्कर ने आगे बताया कि पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुनने के बाद भारत पहली पारी में 60-70 रन कम था. अपनी पहली पारी में 109 रन पर ऑलआउट हो गया था. उन्होंने कहा, बल्लेबाजों ने वास्तव में अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं किया. यदि आप भारतीय विकेटों को देखते हैं, तो आप पाएंगे कि भारतीय बल्लेबाजों ने खुद ही गलत शॉट खेलकर आउट हुए. साथ-साथ पिच का खौफ भी उनके मन में था. यह भी पढ़ें : अंधेरी गलियों में चल रहा था देह व्यापार, पुलिस रेड में संचालिका समेत 7 गिरफ्तार
उन्होंने कहा, पिच ने पहले घंटे में ही टर्न करना शुरू कर दिया था, इसलिए यह आसान नहीं था, लेकिन फिर भी अगर हमने पहली पारी में 160-170 रन बनाए होते तो अंतर पैदा हो सकता था. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि इंदौर में भारत के लिए शुरुआती साझेदारियों की कमी उनके शानदार प्रदर्शन के बड़े कारणों में से एक थी.